काले जादू की दुनिया -5



काले जादू की दुनिया -5



अर्जुन को गम मे डूबा देख काजल उसको हिम्मत बँधा रही थी, “कोई बात नही भैया...जो हुआ वो किस्मत मे लिखा था...उसमे हम या तुम कुछ नही कर सकते...”

कुछ सोचते हुए करण अचानक से बोला, “अर्जुन तुमने कहा था कि सलमा के मोबाइल पे रिंग तो जा रही है पर कोई फोन नही उठा रहा है...है ना?”

हाँ...” अर्जुन का छोटा सा जवाब आया.

तुम एक काम क्यू नही करते उसे दुबारा कॉल करो...हो सकता है वो या कोई और कॉल उठा ले...”

इसे सुनकर अर्जुन को एक उम्मर्द जैसी जागी, उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन निकाला और फिर से रिंग किया. पर उसकी उम्मीद फिर से टूट गयी जब दोबारा किसी ने फोन नही उठाया. वो दुबारा मायूस हो गया.

कुछ देर महॉल मे शांति रही, तीनो अभी भी पोलीस स्टेशन मे बने हुए बगीचे मे टहल रहे थे. ऐसे ही चलते चलते करण को अचानक एक और ख़याल आया और उसकी आँखे उम्मीद की किरण से चमक गयी.

अर्जुन सलमा का मोबाइल कॉन सा था...???” करण ने अचानक से पूछा.

करण भैया...यह समय ऐसी बातो का नही है....” काजल ने टोक दिया.

अरे बताओ तो...मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया है...”

अर्जुन बोला, “मैने उसे कुछ महीने पहले ही एक नया आपल आइफ़ोन 6 प्लस गिफ्ट किया था...”

अर्जुन की बात सुनकर करण की उम्मीद और बढ़ गयी और वो मुस्कुराते हुए बोला, “आइफ़ोन सबसे महंगा मोबाइल है और उसमे जीपीएस मोबाइल ट्रॅकर का सिस्टम भी होता है....अगर हम वो आक्टीवेट कर दे तो मोबाइल अपना लोकेशन खुद बता सकता है....बस एक बार हमे सलमा के मोबाइल का पता मिल जाए फिर हम सलमा को ढूंड सकते है...क्यूकी जहाँ सलमा होगी वही आस पास उसका फोन भी होगा...”

करण की बात सुनकर अर्जुन और काजल चौंक गये, वो दोनो भी अब उस उम्मीद की किरण को देख सकते थे जिसके सहारे वो सलमा तक पहुच सकते थे.

कुछ सोचते हुए काजल बोली, “आइडिया तो जीनियस वाला है करण भैया...पर क्या गॅरेंटी है कि सलमा का फोन उसके पास ही हो....हो सकता है जिसने उसको किडनॅप करवाया हो वो उसका फोन रख के कही दूर फेंक दिया हो..”

हो सकता है...पर ऐसा होगा नही....क्यूकी मेरा कामन सेन्स कहता है कि अगर किडनॅपर को सलमा का फोन मिल भी गया होगा तो वो कोई रिस्क नही लेगा और फोन को डेस्ट्रॉय कर देगा....पर जैसा कि हम देख रहे है कि सलमा की मोबाइल की घंटी अभी भी बज रही है....इसका सॉफ सॉफ यही मतलब हो सकता है कि भले सलमा मोबाइल रिसीव ना कर पा रही हो पर वो फोन किडनॅपर के हाथ भी नही लगा होगा.....इस आइफ़ोन को ट्रॅक कर के हम सलमा के नज़दीक से नज़दीक पहुच सकते है....” करण बोला.

पर करण भैया हमें माँ को खोजने भी तो जाना है...सलमा के चक्कर मे तो हम अपनी माँ के बारे मे तो भूल ही गये..” काजल ने केरेन को याद दिलाया.

मुझे पता है काजल....पर अभी माँ से ज़्यादा सलमा को हमारी ज़रूरत है...और अगर आज माँ जिंदा होती तो वो भी अपने बच्चो से ऐसे ही फ़ैसले की उम्मीद करती.....अब हमें जल्दी से इस प्लान को अमल मे लाना होगा..”

अर्जुन को यकीन नही हो रहा था कि सलमा को खोजने का रास्ता तो उनके सामने ही था बस उनको नज़र नही आ रहा था. फिर अर्जुन ने अपने मोबाइल से सलमा के आइफ़ोन के एंटी थेफ्ट सॉफ्टवेर को आक्टीवेट का दिया जिस से आइफ़ोन का जीपीएस (ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम) चालू हो गया और अपना लोकेशन मॅप पे बताने लगा.

ओह्ह माइ गॉड यह सिग्नल तो मध्य पदेश और छत्तीसगढ़ बॉर्डर के जंगली इलाक़े से आ रहा है...हे भगवान सलमा मुंबई से इतनी दूर कैसे पहुच गयी...” अर्जुन अपने फोन पर सलमा के आइफ़ोन का लोकेशन देखते हुए बोला.

पर अर्जुन भैया हमें बहुत जल्दी करना होगा क्यूकी वैसे भी सलमा को किडनॅप हुए दो दिन हो गये है...मुझे लगता है उसके आइफ़ोन की बॅटरी और ज़्यादा देर तक नही चलेगी...और अगर बॅटरी ख़तम होने से आइफ़ोन स्विच ऑफ हो गया तो हम कभी भी सलमा तक नही पहुच पाएँगे...” काजल बोली.

करण बोलते हुए पास मे खड़ी उनकी गाड़ी के पास जा कर खड़ा हो गया. “मुझे लगता है काजल ठीक कह रही है....पोलीस को बताने का भी समय नही है क्यूकी वो पोलीस फोर्स जुटाने मे बहुत देर लगाते है....अब हमें ही कुछ करना पड़ेगा...”

यह सोच कर कि अब वो सलमा से मिल सकता है, अर्जुन बहुत भावुक हो गया. उसने करण और काजल को गाड़ी के पास उसका इंतेज़ार करते हुए देखा और दौड़ के करण के गले लग गया. अर्जुन की आँखो मे आँसू थे.

यह करण के 25 साल के जीवन मे पहली बार हुआ था की उसका भाई अर्जुन उसके गले लगा हो. पूरी जिंदगी उसने अर्जुन की नफ़रत ही देखी थी, आज पहली बार उसे अपने लिए अर्जुन मे प्यार महसूस हुआ.

भाई...मैं जिंदगी भर तुझसे नफ़रत करता रहा...और आज मेरी इस मुश्किल घड़ी मे तू ही मेरा साथ दे रहा है...अगर सलमा को मेरी वजह से कुछ हो गया तो मैं यह बोझ अपने दिल पे कैसे उठा पाउन्गा.....हो सके तो मुझे माफ़ कर देना मेरे भाई...” अर्जुन रुआंसे स्वर मे बोला, उसका गला भारी हो गया था.

आख़िर परिवार वाले इसलिए ही तो होते है ना....” करण ने बस इतना कहा, उसकी आँखे भी नम थी. काजल भी पास मे खड़ी थी. उसके आँखो मे भी आँसू थे क्यूकी आज उसने पहली बार एक दूसरे से नफ़रत करने वाले भाइयो के बीच प्रेम देखा था.

चल अब ज़्यादा सेंटी ना हो...हमे जल्द से जल्द सलमा तक पहुचना है इस से पहले कि यह सिग्नल बंद हो जाए...” करण बोला और तीनो गाड़ी मे बैठ कर हाइवे पर निकल गये.

सब बस यही मना रहे थे कि उनके मोबाइल तक पहुचने से पहले कही उसकी बॅटरी ना ख़तम हो जाए. अर्जुन जितना हो सकता था उतना तेज़ गाड़ी चला रहा था. पर फिर भी उन्हे एमपी और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर पहुचते पहुकते उनको दो दिन लग ही गये थे.
अर्जुन गाड़ी यही रोक...अब यहाँ से घना जंगल शुरू होता है...अब हमें पैदल ही चलना पड़ेगा.”

ठीक है करण...” और अर्जुन ने गाड़ी एक पास के ढाबे पर लगा दी.

ढाबे से कुछ खाने पीने का समान लेके तीनो जंगल की तरफ निकल गये. जंगल बहुत घना था. बड़े बड़े पेड़ चारों तरफ फैले हुए थे जो बारिश होने के चलते काफ़ी हरे भरे लग रहे थे. वो पेड़ इतने घने थे कि दिन के समय भी सूरज की रोशनी नीचे ज़मीन तक बहुत ही कम पहुच रही थी जिस से नीचे पूरा अंधेरा लग रहा था. उपर से नीचे कीचड़ और इतनी सारी घनी झाड़िया थी कि उनमे से रास्ता बनाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था. हर तरफ तरह तरह के जंगली जानवरो की आवाज़ सुन कर शरीर मे एक सिहरन सी दौड़ जाती थी.

करण भैया क्या जंगल मे शेर भी मिलेगा...?” काजल थोड़ी सहमी हुई सी थी. वो पहली बार अपने जीवन मे किसी जंगल की सैर कर रही थी.

नही मेरी गुड़िया...शेर इस जंगल मे नही पाया जाता है....पर तेंदुआ ज़रूर मिल सकता है...”

क्या तेंदुआ....??..अगर भैया किसी तेंदुए ने हम पर हमला कर दिया तो...?”

काजल तुम इतना डर क्यू रही हो...आख़िर तुम्हारे दोनो भाई तुम्हारे साथ है...और वैसे भी तेंदुए दिन मे कम ही निकलते है...” करण झाड़ियो से रास्ता बनाते हुए बोला.

अर्जुन तो बस आगे आगे चल रहा था. उसका पूरा ध्यान अपने मोबाइल पर था जो सलमा के जीपीएस सिग्नल को ट्रॅक कर रहा था. वो झाड़ियों को एक लंबे खंजर से काट ता हुआ करण और काजल के लिए रास्ता बना रहा था.

अचानक काजल को उसके पीछे झाड़ियो मे कुछ सरसराहट महसूस हुई. वो पलट के देखी लेकिन उसे कुछ नही दिखाई दिया. डर के मारे उसकी हालत खराब थी, उसका गला सूख गया. जब उसे फिर से उसके पीछे कुछ महसूस हुआ तब उसने थूक निगलते हुए करण से कहा, “...भैया...मुझे लगता है मेरे पीछे उन झाड़ियो मे कुछ है...”

अरे कुछ नही है काजल...बस तेरा वेहम है, तू आज पहली बार जंगल मे आई है ना इसलिए तू बार बार भ्रमित हो रही है...”

नही भैया मुझे वहाँ नही हो रहा है....वहाँ ज़रूर कुछ तो है...” काजल काँपते हुए बोली.

करण ने सोचा की आख़िर देख ही लिया जाए कि झाड़ियो मे क्या है जिस से काजल इतना डर रही है. उसने जब झाड़िया हटा के देखा तब उसे बड़ी ज़ोरो से हँसी आई, “अरे यह तो एक खरगोश है...तू भी ना काजल एक खरगोश से डर रही है...”

खरगोश को देखके काजल के जान मे जान आई और वो अपना वेहम अपने दिमाग़ से झटक कर आगे बढ़ गयी.

तीनो ने तय तो किया था कि इस डरावने जंगल मे वो साथ साथ रहेंगे लेकिन अपने मोबाइल को देखने के चक्कर मे अर्जुन थोड़ा आगे निकल आया और उसके दोनो भाई बहन पीछे रह गये.

गर्र्र्रर.........गर्र्र्र........

तभी पीछे से एक गुर्राने की आवाज़ आई. काजल ने पीछे मूड के देखा तो फिर उसे कुछ नही दिखाई दिया. उसने सोचा यह उसका एक और भ्रम है.

गर्र्र्रर........गर्र्र्रर........

इस बार काजल को यकीन हो गया कि जो उसने सुना वो उसका भ्रम नही है.
भैया झाड़ियो के पीछे से किसी के गुर्राने की आवाज़ आ रही है...” गुर्राने की स्पष्ट आवाज़ सुनकर काजल के हाथ पावं फूल गये. यह सोच सोच कर ही कॉन सा जंगली जानवर ऐसे गुर्राता है उसकी रूह काँप गयी.

ठहर मैं देखता हू....” करण बोला और झाड़िया हटा के देखने लगा. जब उसने आगे देखा वो उसको हिला देने के लिए भी काफ़ी था. ख़ौफ्फ की एक तेज़ लहर उसके पूरे जिस्म मे समा गयी.

सामने एक बड़ा सा भेड़िया सीधे उसी की ओर घूर रहा था. चक्केदार दार खाल, बड़ा डील डोल वाला शरीर, ताक़तवर पंजो मे तेज़ नाख़ून और भयानक जबड़ा जिसमे बड़े लंबे लंबे ख़तरनाक दाँत थे.

काजल भाग.....!!!” बस इतना कहते ही करण मुड़ा और काजल का हाथ पकड़ के अर्जुन के बनाए पगडंडी के उलट दूसरी दिशा मे भागने लगा.

पर उस घने जंगल मे जब कोई तेज़ चल नही सकता तो आख़िर तेज़ दौड़ेगा कैसे. थोड़ी दूर भागने के बाद ही उनको भेड़िए की गुर्राहट दोबारा सुनाई दी.
जब तक वो दोनो कुछ समझ पाते पीछे से भेड़िए एक लंबी छलान्ग मार कर करण पर कूद गया.

आआहह...........” भेड़िए के तेज़ नाख़ून करण की पीठ पर अंदर तक गढ़ गये. करण की यह दर्दनाक चीख पूरे जंगल के डरावने वातावरण मे गूँज गयी.

अर्जुन ने जब यह चीख सुनी तो वो समझ गया कि करण मुसीबत मे है लेकिन जब वो पीछे मुड़ा तो देखा कि करण और काजल दोनो गायब है, क्यूकी वो दोनो पीछे रह गये थे. बेचारे अर्जुन ने चारो तरफ देखा, पूरा जंगल एक जैसा ही लग रहा था, सही दिशा का पता लगाना नामुमकिन था. ऐसे घने जंगल मे कोई भी आसानी से गुम हो सकता था.

इधर करण पर भेड़िए का हमला देख काजल बहुत घबरा गयी. भेड़िए ने कारण को छोड़ दिया और शारीरिक रूप से कमज़ोर काजल की तरफ बढ़ने लगा. भेड़िया समझ गया था कि एक लड़की उसके लिए एक आसान शिकार हो सकती है.

भेड़िए को अपनी ओर आता देख काजल का सर घूमने लगा. उसका दिमाग़ कह रहा था कि वहाँ से भाग निकले लेकिन उसके पैर उसका साथ नही दे रहे थे. डर के मारे उसके पैर वही जड़ हो गये. करण ने जब देखा कि भेड़िया उसकी बहन की ओर बढ़ रहा है तो उसने चिल्ला के काजल को भाग जाने को कहा. पर ऐसा लग रहा था कि काजल के पैरो मे जान बची ही नही थी. वो पत्थर की मूरत बन कर वही खड़ी रही और अपने मौत को अपनी ओर आता देख अपनी आँखे बंद कर ली.

जब करण को लगा की उसकी बहन की जान ख़तरे मे है तब वो अपनी पूरी हिम्मत जुटा के उठने की कोशिश करने लगा. उसका पीठ भेड़िए के नाख़ून से पूरी छल्नी हो गयी थी जिस से खून बह रहा था. उसकी सफेद टीशर्ट पर खून के बड़े बड़े लाल धब्बे देखे जा सकते थे.

भेड़िया अपने सामने आसान शिकार देख कर काजल की ओर छलान्ग लगाया. काजल को अपनी मौत अपने सामने दिख रही थी पर कोई था जिसने उसे मौत के मूह से बचा लिया. उसने आँख खोल के देखा तो करण ने भेड़िए को बीच मे रोक लिया था.

अपने हाथ आए शिकार को छिन जाता देख भेड़िया गुस्से मे ज़ोर ज़ोर से गुर्राने लगा. अब बस वो था और उसके सामने करण था. भेड़िए ने मौका देख करण पे छलान्ग लगाई पर करण फुर्ती से एक तरफ झुक कर उसके पंजो से बच गया.

कसरती बदन, जिम की ट्रैनिंग और मार्षल आर्ट्स आज करण के काम आ रहा था.
करण मे फुर्ती तो थी लेकिन एक जंगली जानवर के मुक़ाबले नही. भेड़िया तुरंत मुड़ा और पंजे के एक वार ने करण की छाती को लहू लुहान कर दिया. करण ने बचने की पूरी कोशिश की पर वो भेड़िए की फुर्ती से मात खा गया और लड़खड़ा कर गिर पड़ा.

काजल अपने प्यारे भाई को जंगली जानवर से लड़ता देख वही बेहोश हो गयी. इधर भेड़िए ने करण को ज़मीन पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर अपने भयानक जबड़े से उसका सर काट देना चाहता था.

करण अपनी पूरी ताक़त लगा कर अपने सर को भेड़िए के जबड़े से दूर रखने की कोशिश कर रहा था, क्योकि उसे पता था कि अगर एक बार भेड़िए के जबड़े मे उसका सर चला गया तो वो उसके सर को किसी तरबूज़ की तरह कुचल के रख देगा.

आख़िरकार करण को लगा कि ऐसे वो भेड़िए के सामने ज़्यादा देर तक टिक नही पाएगा इसलिए उसने अपनी पूरी इच्छा शक्ति जुटा कर पास मे पड़ी लकड़ी के एक टुकड़े को भेड़िए के मूह मे ठूंस दिया जिस से उसका जबड़ा चलना बंद हो गया और फिर उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर अपने मांसल कसरती पैरो का एक वार कर के भेड़िए को दूर उच्छल दिया.

भेड़िया थोड़ी दूर जेया गिरा पर उसे संभलने मे देर नही लगी. उसका जबड़ा इतना ताक़तवर था कि उसके मूह मे ठूँसि हुई लकड़ी को भी उसने चकना चूर कर दिया. अब सिर्फ़ उसके सामने घायल करण पड़ा था.

करण को पता था कि भेड़िए का जबड़ा अब आज़ाद है और वह पहले से ज़्यादा ख़तरनाक हो गया है. पीठ और सीने मे इतने घाव हो जाने की वजह से उसमे अब इतनी ताक़त नही बची थी कि भेड़िए का सामना फिर से कर सके.

पर तभी हड़बड़ाता हुआ अर्जुन पता नही कहाँ से आ गया. उसने देखा कि एक तरफ काजल बेहोश पड़ी है और दूसरी तरफ भेड़िया करण पर घात लगाए बैठा है.
भेड़िया अब एक वार मे ही कारण की कहानी को ख़तम कर देना चाहता था इसलिए उसने करण पर छलान्ग लगा दी.

करण....यह ले....” चिल्लाते हुए अर्जुन ने फुर्ती से करण की तरफ अपना खंजर फेका जिसे करण ने भी फुर्ती से पकड़ लिया और बिजली की तेज़ी से हवा मे कूद कर भेड़िए के सीने मे वो खंजर उतार दिया.

भेड़िया वही ढेर हो गया. खंजर भेड़िए के खून से पूरा सना हुआ था जिसे करण ने अपनी टीशर्ट से पोछ दिया. दोनो भाई भाग कर काजल के पास गये. अर्जुन ने काजल का सर अपनी गोद मे रखा और उसे हिला के होश मे लाने की कोशिश करने लगा.

काजल को होश आते ही उसके सामने अर्जुन का मुस्कुराता चेहरा दिखाई पड़ा और वो बोली, “करण भैया कहाँ है....ओह्ह माइ गॉड उनको कुछ हुआ तो नही ना....”

करण पास मे ही खड़ा था, उसने प्यार से अपनी बहन के सर पर हाथ फेरा और बोला, “मैं यही हू गुड़िया....तेरे पास मे..”

काजल ने ध्यान से देखा तो करण का चौड़ा सीना छल्नी हो गया था जिस से अभी भी खून बहा रहा था. उसने सर घुमा के देखा तो उसे भेड़िया मरा पड़ा दिखाई दिया.

करण भैया आपको कितनी चोट लगी है....अपने मुझे बचाने के लिए अपना जान जोखिम मे क्यू डाल दी...” उसकी आँखे नम हो गयी.
मुझे अपनी जान की कोई परवाह नही...और वैसे भी अगर तुझे कुछ हो जाता तो यह जान रख कर क्या करता मैं...एक तू ही तो है जिसके लिए मैं जी रहा हू...” करण ने प्यार से काजल का माथा चूमते हुए कहा.

अर्जुन यह सब देख रहा था. पहले उसे करण का काजल के प्रति यह प्यार देख कर नफ़रत होती थी पर आज उसे गर्व था कि ना सिर्फ़ काजल को बल्कि उसे भी एक नेक्दिल और प्यारा बड़ा भाई मिला है.

करण इन जख़्मो से कही रेबीस ना हो जाए....?” अर्जुन ने परेशान हो के कहा. आज उसके स्वर मे अपने भाई के लिए चिंता थी.

अरे नही भाई उस भेड़िए को रेबीस नही था....रेबीस वाले जानवरो के लक्षण उसके बर्ताव से पहचान मे आज आते है....तुम लोग मेरी फिकर मत करो और जिस काम से यहाँ आए हो वो करो...” करण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा.

पर भाई इन जख़्मो से इन्फेक्षन तो हो ही सकता है...एक काम करो तुम यही से वापस लौट जाओ....हम यहाँ से अकेले ही सफ़र करेंगे...”

अर्जुन तुझे क्या लगता है अगर मैं वापस जाना भी चाहू तो इस घने जंगल मे रास्ता कैसे ढूंढूंगा....यहाँ पूरा जंगल तो एक जैसा ही लगता है...सिग्नल का पीछा करते हुए तो हम अंदर तो आ गये पर अब बाहर कैसे जाए...”

पर करण भैया आपके इन जख़्मो का क्या...” काजल बोली.

अरे हम तीनो मे डॉक्टर मैं हू ना...मुझे पता है कि मैं ठीक हू...खून बहना रुक गया है और अब इन्फेक्षन का ख़तरा पहले से कम है...अगर हो सके तो बस फर्स्ट एड बॉक्स से थोड़ा आंटिसेपटिक या डेटोल दे दो उस से ही काम बन जाएगा....और अब प्लीज़ मेरी बात मानो तो हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए...शायद हम वक़्त रहते सलमा तक पहुच जाए तो शायद उसकी मदद कर पाएँगे...”

सबकी आम सहमति से तीनो आगे बढ़ने लगे. एक बार भेड़िए का हमला हो जाने के बाद तीनो बहुत चौकन्ना थे. सिग्नल अभी भी बहुत दूर से आ रहा था. वो तीनो लगातार चलते रहे और रात को कॅंप लगाने के बाद वही सो गये, क्यूकी रात होने पर तो जंगली जनवरो का ख़तरा बढ़ गया था.

सुबह की पहली किरण के साथ ही उन्होने अपना सफ़र फिर से शुरू कर दिया. वो जंगल मे अंदर और अंदर उसकी गहराई मे चलते जा रहे थे. उनको नही पता था वो कहाँ जा रहे है बस इतना पता था कि जहाँ भी जा रहे थे वहाँ से सलमा बहुत नज़दीक होगी.

यह भगवान की कृपा ही थी कि वो तीनो आइफ़ोन के सिग्नल का पीछा करते करते बॅटरी ख़तम होने से पहले पहुच पाए. आइफ़ोन झाड़ी मे एक कोने मे गिरा पड़ा था. पर तब तक काफ़ी शाम हो चुकी थी. लेकिन जब उन्होने फोन को देखा तब उन्हे आस पास सलमा कही दिखाई ना दी.
सलमा का आइफ़ोन तो यही है, पर ना जाने वो कहाँ है...” अर्जुन ने फोन को हाथ मे लेते हुए चारों तरफ नज़र दौड़ाने लगा. चारो तरफ घने जंगल और जंगली जनवरो की आवाज़ें के सिवा वहाँ कुछ नही था.

काजल भी इधर उधर ढूँढ रही जब उसे झाड़ियो के बीच कुच्छ दिखाई दिया. वो वहाँ गयी और जो देखा उस से वो हैरान रह गयी, “अर्जुन भैया...करण भैया...जल्दी इधर आओ...यह देखो यहाँ पे किसी लड़की के कपड़े पड़े है...एक सफेद पंजाबी सूट....क्या यह सलमा का है...”

अर्जुन कपड़े देख कर सन्न रह गया. सलमा की ऐसी हालत सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था. उसने वो कपड़ा उठाया और बोला, “यह कपड़े सलमा के ही है...आख़िरी रात वो यही सफेद पंजाबी सूट पहन कर मेरे घर आई थी...” अर्जुन का गला बोलते बोलते भारी हो गया, “कही मेरी सलमा के साथ कुछ अनहोनी ना हो गयी हो..”

करण भी इधर उधर नज़र दौड़ा रहा था जब उसे थोड़ी दूर पर पेड़ो के बीच कुच्छ दिखा. “अर्जुन वहाँ देख क्या है....” कहते हुए करण उस ओर चल दिया, उसके पीछे अर्जुन और काजल भी थे.

वहाँ पहुच कर तीनो ने देखा कि एक विशाल गुफा का द्वार उनके सामने है. गुफा की गहराई काफ़ी लग रही थी. बाहर वैसे भी अब काफ़ी अंधेरा हो चला था. उस डरावनी गुफा के मुहाने को देख कर सभी के बदन मे सिहरन दौड़ गयी.


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