काले जादू की दुनिया -4

 काले जादू की दुनिया -4




पर आचार्य आप हमें कोई ऐसा हथियार नही देंगे जिस से हम त्रिकाल पर विजय प्राप्त कर सके...”



बेटा भाई भाई का प्यार ही वो ऐसा हथियार है जो तुम दोनो को हर ख़तरे से दूर रखेगा....मैं यह बात जानता हू कि तुम अपने भाई करण को पसंद नही करते पर जिस राह पर तुम दोनो निकले हो वो बहुत कठिन है...जिसमे अगर तुम सब एक जुट होकर नही रहोगे तो कभी त्रिकाल को नही हरा पाओगे....मेरी एक बात याद रखना अर्जुन, त्रिकाल की नफ़रत की काट सिर्फ़ तुम तीनो भाई बहेन का प्रेम ही है...वो तुम दोनो को चाहे कितना भी नुकसान पहुचा सकता है पर तुम दोनो के प्रेम को कभी कम नही कर सकता...” आचार्य ने अर्जुन को आख़िरी बात समझाई जो अब उसके कानो मे गूँज रही थी.



तीनो आश्रम से बाहर निकल कर स्कॉर्पियो पर बैठ चुके थे.



तुम्हे आचार्य के साथ ऐसा नही करना चाहिए था...” अर्जुन गाड़ी स्टार्ट करते हुए करण से बोला.



मैं उस घटना के लिए बहुत शर्मिंदा हू...पर उस समय मुझे बहुत गुस्सा आ गया था...” करण पीछे की सीट से बोला.



आप दोनो लोग छोड़ो इस बात को.....अब यह पता करो कि हम त्रिकाल का अड्डा ढूंढ़ेंगे कैसे...?” काजल ने बीच मे कहा.



इस बात का जवाब किसी के पास नही था. अर्जुन गाड़ी भगा ही रहा था कि उसके मोबाइल फोन की घंटी बज उठी.







गाड़ी को हाइवे के किनारे खड़ा करते हुए वो बाहर उतर गया पर जब उसने फोन देखा तो जो नंबर था उसे पढ़ कर उसकी भवें सिकुड गयी.



फोन पर एक महिला की रोने की आवाज़ आई, “अर्जुन बेटा सलमा दो रात से घर नही आई है....क्या तुम जानते हो कि वह कहाँ गयी है...”



अर्जुन यह सुन कर हैरान रह गया, उसे वो रात की वो घटना याद आ गयी जब सलमा उस से नाराज़ होकर आधी रात को अकेले उसके घर से चली गयी थी.



ना....नही...आंटी वो तो मेरे घर से परसो रात को ही निकल गयी थी....उसे तो अब तक आपके पास होना चाहिए था...” अर्जुन थूक गटकते हुए बोला.



पता नही बेटा....अब तक वो घर नही आई है...मुझे तो डर लग रहा है कि कही मेरी बच्ची के साथ कोई अनहोनी ना हो गयी हो..”



आप फिकर मत करिए आंटी...अल्लाह पर भरोसा रखिए मैं उसको फोन करके देखता हू...” सलमा के गायब हो जाने की खबर सुनकर अर्जुन के हाथ पाँव फूलने लगे थे.



ठीक है बेटा...अगर तुम हमारी मदद कर दो तो तुम्हारी बहुत मेहरबानी होगी...” सलमा की अम्मी फ़ातिमा ने कहा.



अरे आंटी इसमे मेहरबानी की क्या बात है, पर क्या आपने पोलीस मे कंप्लेंट लिखवाई है...?”



लिखवाई तो है बेटा....पर तुम तो यहाँ की पोलीस को जानते ही हो...हम जैसे ग़रीब लोगो की मदद कोई पोलीस वाला नही करना चाहता है...”



मैं अभी पोलीस स्टेशन जा के देखता हू....बस आप अपना ख़याल रखिएगा..”



अल्लाह तुम्हे रहमत बख्से बेटा.....” और फ़ातिमा ने फोन काट दिया.



गाड़ी के अंदर से काजल और करण, अर्जुन को परेशान देख कर खुद परेशान हो रहे थे.



अर्जुन ने तुरंत सलमा का नंबर डाइयल किया. पूरी घंटी बज के काट गयी पर किसी ने फोन नही उठाया. अर्जुन के माथे पर पसीना सॉफ बता रहा था कि सलमा के साथ ज़रूर कोई अनहोनी हो गयी है.



हे भगवान कहीं सलमा का कोई आक्सिडेंट तो नही हो गया...” अर्जुन माथे पर के पसीना को सॉफ करते हुए बोला.



वो गाड़ी के अंदर आ गया तो काजल ने उस से पूछा, “क्या हुआ भैया....आप बहुत परेशान लग रहे हो..”



अभी अभी सलमा की अम्मी का फोन आया था....” कहते हुए अर्जुन बीच मे रुक गया.



सलमा का नाम पहली बार सुनकर करण ने पूछा, “यह सलमा कौन है...???”



अर्जुन भैया की गर्लफ्रेंड....” काजल ने बताया, जिसे सुन करण मुस्कुराए बिना नही रह सका.



तो सलमा की अम्मी ने क्या कहा फोन पर...?” काजल ने अर्जुन से पूछा.



सलमा परसो से घर नही आई है....जिस रात वो मेरे घर से गयी थी, उसके बाद वो अपने घर पहुचि ही नही.....हे भगवान यह कैसी कैसी मुसीबत आती जा रही है हम पर....”



ओह्ह माइ गॉड.....यह क्या कह रहे हो अर्जुन भैया....” काजल को एक झटका सा लगा.



फिर अर्जुन ने सारी बात बता दी. पिच्छले कुछ दिनो से तीनो लोगो पर हैरानी के झटके पर झटके लगते जा रहे थे. कुछ दिन पहले एक आम जिंदगी जीने वाले यह तीन लोगो की जिंदगी अब बिल्कुल बदलने वाली थी.



भैया अगर ऐसी बात है तो हमें पोलीस स्टेशन ज़रूर चलना चाहिए...” काजल चिंतित स्वर मे बोली.



हाँ काजल हमें ज़रूर चलना चाहिए....क्यूकी अगर सलमा को कुछ भी हो गया तो मैं अपने आप को कभी माफ़ नही कर पाउन्गा..” अर्जुन ने सरपट गाड़ी मुंबई के दादर पोलीस स्टेशन की तरफ भगा दी.






पोलीस स्टेशन के बाहर गाड़ी रोक के तीनो अंदर भागे. अंदर का महॉल बहुत भीड़ भाड़ वाला था जो ज़्यादातर पोलीस स्टेशन मे नही देखने को मिलता है.



यहा हो क्या रहा है....???” अर्जुन ने सोचा.



भीड़ भाड़ इतनी थी कि पुलिस ऑफिसर्स से मिलना नामुमकिन था. लेकिन तभी करण को अपना दोस्त दिखाई दे गया जो वही पर सीनियर इनस्पेक्टर की पोस्ट पर तैनात था. उसने अपने दोस्त को इधर आने का इशारा किया.



अरे सुजीत तू....वाह यार तू तो सीनियर इनस्पेक्टर बन गया...” करण अपने दोस्त से गले मिलते हुए बोला. वो तो अच्च्छा हुआ कि करण को अपना एक दोस्त मिल गया वरना इतनी भीड़ भाड़ मे किसी से भी पूछ ताछ करना नामुमकिन था.



हाँ यार बस अपने देश की सेवा करनी थी सो पोलीस फोर्स जाय्न कर लिया...पर सुन ने मे आया है कि तू बहुत बड़ा डॉक्टर बन गया है...बांद्रा मे तेरा एक अच्च्छा ख़ासा क्लिनिक भी है....” इनस्पेक्टर सुजीत ने करण से हाथ मिलाते हुए कहा.



इधर अर्जुन और काजल का सब्र का बाँध टूट रहा था. वो लोग यहाँ पर मेल मिलाप के लिए नही आए थे इसलिए काजल ने करण को कोहनी मारी और इशारा कर दिया कि सलमा के बारे मे.



...सुजीत वो सब छोड़ कभी फ़ुर्सत से मेरे क्लिनिक मे साथ बैठ कर बात करेंगे पर अभी हम यहाँ बहुत ज़रूरी काम से आए है...”



क्या बात है बोल...”



वो हम एक गुमशुदा लड़की सलमा वहीद के बारे मे पूछ्ना चाहते है...उसकी अम्मी कल पोलीस स्टेशन आई थी कंप्लेंट लिखवाने...” कारण बोला.



हम आई तो थी यार...पर उस से तुम्हे क्या...???”



यार वो मेरे भाई अर्जुन की मंगेतर थी...पर परसो इसके घर से निकलने के बाद ना जाने कहाँ चली गयी....अभी तक घर नही पहुचि है....”



ओह्ह हो तो वो तुम्हारे भाई की मंगेतर थी...”



अर्जुन से अब और बर्दास्त नही हो रहा था और उसने चिल्लाते हुए कहा, “इनस्पेक्टर साहब प्लीज़ !!!..... अच्छा होगा कि आप सलमा के बारे मे बताइए...उसके अम्मी अब्बू उसका घर पर इंतेज़ार कर रहे होंगे...”



चिल्लइए मत !!!...मिस्टर. अर्जुन यहाँ पर जितने लोग आप देख रहे है ना वो सब अपने परिवार वालो के घर आने का ही इंतेज़ार कर रहे है...एक आपकी सलमा के अब्बू अम्मी ही नही है....यहाँ पे ऐसो की लिस्ट बहुत लंबी है....” सुजीत ने पॉलिसिया लहजे मे कहा.



अरे सुजीत जाने दे ना...हम लोग थोड़े परेशान है....” करण ने बात संभालते हुए कहा, “पर इसका क्या मतलब कि लिस्ट बहुत लंबी है...?”



सुजीत ने तीनो को एक कोने मे आने को कहा और तीनो को फुसफुसा के बताया, “यह सारे लोग जो तुम देख रहे हो ना...उन सब के परिवार की लड़किया गायब हो गयी है...”



यह बात सुनकर तीनो हैरान हो गये. उनकी हैरान परेशन चेहरे को देख कर इनस्पेक्टर सुजीत फिर फुसफुसाया, “देखो मुझे उपर से स्ट्रिक्ट ऑर्डर्स आए है कि मैं यह बात किसी को ना बताऊ...और वो यह है जितने भी लोग गायब हुए है वो सब की सब लड़किया थी...कुवारि लड़कियाँ...जिनकी उमर 18 से 25 साल की है...”



अर्जुन को सब समझ मे आते ही उसके होश उड़ने लगे, “सलमा की उमर भी 24 साल की थी...यानी किसी ने उसे किडनॅप कर लिया है..”



अर्जुन की बात सुनकर सुजीत बोला, “हाँ बर्खुरदार अब सही समझे हो....ना जाने कौन है जो इतनी सारी लड़कियो को अगवा कर रहा है....और हैरानी की बात यह है कि लड़किया हर महीने नियम से गायब हो रही है...और वो भी आज से नही बल्कि पिच्छले 8 – 10 सालो से....उपर से यह हालत सिर्फ़ मुंबई की नही बल्कि लगभग हर छोटे बड़े शहर की है...”



हे भगवान कौन करता है यह सब....हम लड़किया तो कही नही सुरक्षित है...” काजल बोली.



फिकर मत करिए मोह्तर्मा....आपके भाई की मंगेतर इस महीने किडनॅप हो चुकी है...कम से कम आप इस महीने सुरक्षित है....पर अगले महीने की गारंटी मैं नही दे सकता...हा हा हा...” सुजीत चटकारा लेते हुए बोला.



कैसे पोलीस वाले है आप....अपने सामने आप एक लड़की को डरा रहे है..” काजल तपाक से बोली.



इस पर सुजीत गंभीर होते हुए बोला, “डरा नही रहा हू मिस...चेतावनी दे रहा हू....”



अर्जुन तो गहरे शोक मे डूब गया था. उसे वो आख़िरी पल याद आ गये जब सलमा ने उसे चाँटा मारा था और रोते हुए उसकी घर से निकल गयी थी. काश वो उसे उस रात रोक लेता तो आज सलमा उसके पास उसके बाँहो मे होती. काश वो उसके साथ ज़बरदस्ती नही करता तो वो उसको छोड़ कर अकेली आधी रात को नही जाती. यही सब सोच कर उसकी आँखे नम हो गयी.



अर्जुन का गला भारी हो गया और उसने रुआंसे स्वर मे इनस्पेक्टर से पूछा, “इनस्पेक्टर साहब...आपको क्या लगता है मेरी सलमा को कॉन अगवा कर के ले गया होगा...”



मिस्टर. अर्जुन मैं आपको सब कुछ सच सच बताता हू भले मुझे उपर से ऑर्डर्स आए है ऐसा नही करने को....पर पहले आप पानी पीजिए और हिम्मत से काम लीजिए..” सुजीत ने पास पड़े टेबल से शीशे के ग्लास मे अर्जुन को पानी दिया.



हम ने और स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मिलकर बहुत पता लगाने की कोशिश करी कि आख़िर यह लड़किया जा कहाँ रही है पर हम पता ना लगा सके...मीडीया वालो और पब्लिक के प्रेशर से हम ने उन्हे बताया कि यह कोई माफिया का काम है जो लड़कियो को बेच कर उनसे जिस्म फ़रोशी का धंधा करवाता है...”



यह बात सुनकर अर्जुन टूट सा गया. उसका दिल यह सोच सोच कर छल्नी होता जेया रहा था कि जिसने उस से इतना प्यार किया उसको आज कयि लोग अपनी वासना का शिकार बना रहे होंगे और वो भी सिर्फ़ उसकी वजह से.



तुझे क्या लगता है सुजीत...क्या यह कोई माफिया का काम है...” करण ने सुजीत से पूछा.



बाकी लोगो का तो यही मान ना है...पर मुझे ऐसा नही लगता कि इसमे कोई माफिया का हाथ है क्यूकी हर महीने सिर्फ़ एक लड़की और वह भी देश के अलग अलग जगह से गायब हुई है जो माफिया लोगो का स्टाइल नही है....वो लोग तो ग्रूप मे लड़किया किडनॅप करते है और वो भी छोटे शहर वाली जिनके माँ बाप जल्दी पोलीस मे कंप्लेन ना करवा पाए और यह बात मीडीया मे लीक ना हो...पर यहाँ चक्कर कुछ उल्टा ही लगता है...” सुजीत ने अपना पोलीस कॅप सीधा करते हुए कहा.



ठीक है दोस्त हम चलते है...फिर तेरी ज़रूरत पड़ी तो तुझे याद करूँगा...” सुजीत को अलविदा कहते हुए तीनो पोलीस स्टेशन से बाहर आ गये.




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