काले जादू की दुनिया -6
“भैया
क्या हमें इसके अंदर जाना
चाहिए.....मुझे
तो इसे देख के ही डर लग रहा
है..”
काजल
करण हाथ ज़ोरो से पकड़ते हुए
बोली.
करण उसके कोमल मुलायम हाथो मे डर का पसीना महसूस कर सकता था. “हाँ गुड़िया हमें अंदर तो जाना ही पड़ेगा....पर तू डर मत हम है तेरे साथ..” उसने मुस्कुरा कर जवाब दिया.
“करण मेरे पास टॉर्च तो है नही...फिर हम इतने अंधेरे मे अंदर कैसे जाएँगे..” अर्जुन बोला.
“अर्जुन उसका उपाय भी है मेरे पास....” कहते हुए करण ने पास के पेड़ से एक लंबी और मोटी सी लकड़ी तोड़ी और उसपर अपने अपना टीशर्ट उतार के लपेट ने लगा.
करण उसके कोमल मुलायम हाथो मे डर का पसीना महसूस कर सकता था. “हाँ गुड़िया हमें अंदर तो जाना ही पड़ेगा....पर तू डर मत हम है तेरे साथ..” उसने मुस्कुरा कर जवाब दिया.
“करण मेरे पास टॉर्च तो है नही...फिर हम इतने अंधेरे मे अंदर कैसे जाएँगे..” अर्जुन बोला.
“अर्जुन उसका उपाय भी है मेरे पास....” कहते हुए करण ने पास के पेड़ से एक लंबी और मोटी सी लकड़ी तोड़ी और उसपर अपने अपना टीशर्ट उतार के लपेट ने लगा.
“तेरे
पास लाइटर तो होगा ही ना...”
करण
ने अर्जुन से पूछा.
वो
जानता था कि अर्जुन सिगरेट
पीता था.
अर्जुन
और काजल समझ गये कि कारण अपने
टीशर्ट से एक मशाल बनाने की
कोशिश कर रहा है.
“पर भैया आपकी टीशर्ट तो जल जाएगी...” काजल ने कहा.
“वैसे भी इस्पे मेरे खून के धब्बे पड़ गये है....यह जल जाए तो ही ठीक है..” बोलते हुए करण ने फर्स्ट एड बॉक्स से थोड़ा स्पिरिट निकाल के अपने बनाए हुए मशाल पर छिड़क दिया और अर्जुन के लाइटर से उसने एक अच्छि ख़ासी मशाल बना ली.
मशाल की पीली रोशनी मे काजल को करण का गोरा कसरती जिस्म दिखाई दिया और वो मन ही मन उसकी प्रशंसा किए बगैर ना रह सकी. खैर मशाल की रोशनी मे तीनो आगे बढ़ने लगे.
वो नही जानते थे कि उन्हे उस गुफा मे आगे क्या मिलेगा इसलिए वो बहुत धीरे और संभाल के आगे बढ़ रहे थे, तभी गुफा के अंदर से चम्गादडो की फौज उड़कर बाहर आई जो शायद मशाल की रोशनी के वजह से गुस्सा गये थे. काजल ज़ोर से चिल्लाने को हुई पर अर्जुन ने सही समय पर उसका मूह अपने हाथो से बंद कर दिया, वरना उसकी चीख पूरी गुफा मे गूँज जाती.
कुच्छ देर गुफा मे चलते चलते वो एक पुराने महल नुमा जगह मे आ गये. “गुफा के अंदर हवेली...और वो भी इतना अंदर...कॉन रहता होगा यहाँ...” करण ने अपने मन मे सोचा.
वो दबे पाओ जब आगे गये तो उन्हे उस पूराने खंडहर हवेली मे मशालों की बहुत सी रोशनीया दिखाई देने लगी. “करण लगता है यहाँ कोई रहता है...” अर्जुन ने फुसफुसा के कहा.
“पर भैया आपकी टीशर्ट तो जल जाएगी...” काजल ने कहा.
“वैसे भी इस्पे मेरे खून के धब्बे पड़ गये है....यह जल जाए तो ही ठीक है..” बोलते हुए करण ने फर्स्ट एड बॉक्स से थोड़ा स्पिरिट निकाल के अपने बनाए हुए मशाल पर छिड़क दिया और अर्जुन के लाइटर से उसने एक अच्छि ख़ासी मशाल बना ली.
मशाल की पीली रोशनी मे काजल को करण का गोरा कसरती जिस्म दिखाई दिया और वो मन ही मन उसकी प्रशंसा किए बगैर ना रह सकी. खैर मशाल की रोशनी मे तीनो आगे बढ़ने लगे.
वो नही जानते थे कि उन्हे उस गुफा मे आगे क्या मिलेगा इसलिए वो बहुत धीरे और संभाल के आगे बढ़ रहे थे, तभी गुफा के अंदर से चम्गादडो की फौज उड़कर बाहर आई जो शायद मशाल की रोशनी के वजह से गुस्सा गये थे. काजल ज़ोर से चिल्लाने को हुई पर अर्जुन ने सही समय पर उसका मूह अपने हाथो से बंद कर दिया, वरना उसकी चीख पूरी गुफा मे गूँज जाती.
कुच्छ देर गुफा मे चलते चलते वो एक पुराने महल नुमा जगह मे आ गये. “गुफा के अंदर हवेली...और वो भी इतना अंदर...कॉन रहता होगा यहाँ...” करण ने अपने मन मे सोचा.
वो दबे पाओ जब आगे गये तो उन्हे उस पूराने खंडहर हवेली मे मशालों की बहुत सी रोशनीया दिखाई देने लगी. “करण लगता है यहाँ कोई रहता है...” अर्जुन ने फुसफुसा के कहा.
पकड़े
जाने के डर से तीनो ने अपनी
मशाल बुझा दी और हवेली से आती
रोशनी का पीछा करते हुए आगे
बढ़ने लगे.
वहाँ
उन्हे एक बड़ी सी कोठरी दिखी
जिसमे तीन चार लोग काले वस्त्रोे
मे बैठे कुच्छ अजीबो ग़रीब
हरकत कर रहे थे.
और पास जाके जो तीनो ने देखा वो आश्चर्यजनक था. सामने उन्हे कुछ लोग काले चोगे पहने एक गोलाई मे बैठे दिखाई दिए. उनके बीच एक ज्यामिति त्रिकोण जैसा कुछ बना था जिसके बीच मे एक नार्मूंड (इंसान के सर की हड्डी) था और चारो तरफ उन लोगो ने नींबू मिर्ची और मोमबत्तिया लगा रखी थी. देख के ही लग रहा था वो लोग काला जादू करने वाले तांत्रिक थे. तीनो को यह समझते देर नही लगा कि वो जाने अंजाने मे तांत्रिक त्रिकाल के अड्डे तक पहुच गये है.
भगवान की भी अजब सी लीला है, अगर कोई व्यक्ति किसी चीज़ को ढूँढना चाहता है तो उसे वो नही मिलती और जब वो नही चाहता तो वो चीज़ मिल जाती है. उपरवाले का लेखा जोखा भी बड़ा अजीब है. अपनी माँ को ढूँढने निकले थे, बीच मे सलमा को ढूँढने लगे लेकिन आख़िर पहुचे एक ही जगह.
“ओह्ह माइ गॉड....यह नही हो सकता...सलमा को त्रिकाल ने अगवा किया था..” अर्जुन को तो जैसे साँप सूंघ गया हो, जैसे काटो तो खून ही नही. तीनो के चेहरे का रंग उड़ गया था.
“बेचारी सलमा के साथ भी वही हुआ जो बारह साल पहले हमारी माँ के साथ हुआ था...” करण बोला.
“भैया अब हम क्या करेंगे....” काजल भी घबरा रही थी और घबराने वाली बात भी थी. अभी तक तो वो लोग यही सोच रहे थे कि सलमा को किसी माफिया ने जिस्म फ़रोशी के लिए अगवा किया है, लेकिन जब उन्हे पता चला कि यह काम तांत्रिक त्रिकाल का है तो उस सब के पावं तले ज़मीन खिसक गयी.
“काजल हमारा अभी कुछ भी करना ठीक नही होगा....यह लोग बहुत ताक़तवर होते है...इनका काला जादू बहुत ही ख़तरनाक हो सकता है....हमें यही पे रुकना चाहिए और सुबह अपने साथ मदद ले कर यहाँ आना चाहिए...” करण ने दोनो को फुसफुसा कर समझाया.
तीनो एक चट्टान के पीछे छुप गये और उन तंत्रिको को तन्त्र मन्त्र करते देखने लगे. महॉल काफ़ी डरावना था. सारे तांत्रिक त्रिकाल की जय जयकार कर रहे थे और अपने सर को गोल गोल घुमा रहे थे. उनके लंबे काले बालो देख कर कोई भी डर सकता था.
तभी उन सब तंत्रिको ने चिल्लाना शुरू कर दिया, “शैतान की जय हो....तांत्रिक त्रिकाल की जय हो..”
करण अर्जुन और काजल यह सब दम साधे देख रहे थे. उन्हे विश्वास नही हो रहा था कि आज के आधुनिक भारत मे यह तन्त्र मन्त्र और काले जादू की प्राचीन परंपरा अभी तक चली आ रही है.
सारे तंत्रिको के चिल्ला ने से एक कोठरी का दरवाज़ा खुला और एक बड़ी सी आकृति बाहर निकल के आई. सारे तांत्रिक उसके पाओ छुने लगे. देखने से लग रहा था कि वो शक्स ही त्रिकाल था.
त्रिकाल का शरीर कोई राक्षस से कम नही था. उसकी लंबाई करीब साढ़े 8 फुट थी. सीना किसी आम इंसान से दोगुना चौड़ा. बाहे बहुत ताक़तवर और बालिश्ट थी. उसके बाल भी बहुत लंबे और काले थे जो उसकी कमर तक पहुच रहे थे. चेहरा उसका इस पूरी दुनिया मे सबसे कुरूप काला और बदसूरत था. पूरा हबशी था वो. उसके गले मे नरमुंडो की माला बता रही थी कि वो कितना ख़तरनाक तांत्रिक था.
और पास जाके जो तीनो ने देखा वो आश्चर्यजनक था. सामने उन्हे कुछ लोग काले चोगे पहने एक गोलाई मे बैठे दिखाई दिए. उनके बीच एक ज्यामिति त्रिकोण जैसा कुछ बना था जिसके बीच मे एक नार्मूंड (इंसान के सर की हड्डी) था और चारो तरफ उन लोगो ने नींबू मिर्ची और मोमबत्तिया लगा रखी थी. देख के ही लग रहा था वो लोग काला जादू करने वाले तांत्रिक थे. तीनो को यह समझते देर नही लगा कि वो जाने अंजाने मे तांत्रिक त्रिकाल के अड्डे तक पहुच गये है.
भगवान की भी अजब सी लीला है, अगर कोई व्यक्ति किसी चीज़ को ढूँढना चाहता है तो उसे वो नही मिलती और जब वो नही चाहता तो वो चीज़ मिल जाती है. उपरवाले का लेखा जोखा भी बड़ा अजीब है. अपनी माँ को ढूँढने निकले थे, बीच मे सलमा को ढूँढने लगे लेकिन आख़िर पहुचे एक ही जगह.
“ओह्ह माइ गॉड....यह नही हो सकता...सलमा को त्रिकाल ने अगवा किया था..” अर्जुन को तो जैसे साँप सूंघ गया हो, जैसे काटो तो खून ही नही. तीनो के चेहरे का रंग उड़ गया था.
“बेचारी सलमा के साथ भी वही हुआ जो बारह साल पहले हमारी माँ के साथ हुआ था...” करण बोला.
“भैया अब हम क्या करेंगे....” काजल भी घबरा रही थी और घबराने वाली बात भी थी. अभी तक तो वो लोग यही सोच रहे थे कि सलमा को किसी माफिया ने जिस्म फ़रोशी के लिए अगवा किया है, लेकिन जब उन्हे पता चला कि यह काम तांत्रिक त्रिकाल का है तो उस सब के पावं तले ज़मीन खिसक गयी.
“काजल हमारा अभी कुछ भी करना ठीक नही होगा....यह लोग बहुत ताक़तवर होते है...इनका काला जादू बहुत ही ख़तरनाक हो सकता है....हमें यही पे रुकना चाहिए और सुबह अपने साथ मदद ले कर यहाँ आना चाहिए...” करण ने दोनो को फुसफुसा कर समझाया.
तीनो एक चट्टान के पीछे छुप गये और उन तंत्रिको को तन्त्र मन्त्र करते देखने लगे. महॉल काफ़ी डरावना था. सारे तांत्रिक त्रिकाल की जय जयकार कर रहे थे और अपने सर को गोल गोल घुमा रहे थे. उनके लंबे काले बालो देख कर कोई भी डर सकता था.
तभी उन सब तंत्रिको ने चिल्लाना शुरू कर दिया, “शैतान की जय हो....तांत्रिक त्रिकाल की जय हो..”
करण अर्जुन और काजल यह सब दम साधे देख रहे थे. उन्हे विश्वास नही हो रहा था कि आज के आधुनिक भारत मे यह तन्त्र मन्त्र और काले जादू की प्राचीन परंपरा अभी तक चली आ रही है.
सारे तंत्रिको के चिल्ला ने से एक कोठरी का दरवाज़ा खुला और एक बड़ी सी आकृति बाहर निकल के आई. सारे तांत्रिक उसके पाओ छुने लगे. देखने से लग रहा था कि वो शक्स ही त्रिकाल था.
त्रिकाल का शरीर कोई राक्षस से कम नही था. उसकी लंबाई करीब साढ़े 8 फुट थी. सीना किसी आम इंसान से दोगुना चौड़ा. बाहे बहुत ताक़तवर और बालिश्ट थी. उसके बाल भी बहुत लंबे और काले थे जो उसकी कमर तक पहुच रहे थे. चेहरा उसका इस पूरी दुनिया मे सबसे कुरूप काला और बदसूरत था. पूरा हबशी था वो. उसके गले मे नरमुंडो की माला बता रही थी कि वो कितना ख़तरनाक तांत्रिक था.
“आज
अमावस्या की वो शुभ रात है जब
मैं अपनी आख़िरी 101
बलि
चढ़ा के शैतान को खुश कर
दूँगा...उनके
आशीर्वाद से मैं हमेशा के लिए
अजय अमर हो जाउन्गा...फिर
मैं अकेला इस पूरी दुनिया पर
राज करूँगा...हा
हा हा.”
त्रिकाल
ठहाका लगा के हँसने लगा.
इधर चट्टान के पीछे छुपे तीनो भाई बहन यह सब सुन रहे थे. उनको पता चल गया था कि आज त्रिकाल की आख़िरी बलि है, अगर आज उसे ना रोका गया तो वो पूरी दुनिया मे कोहराम मचा देगा.
“जाओ उस नयी लड़की को ले आओ...बलि का वक़्त आ गया है...” त्रिकाल शेर की तरह दहाड़ा. उसके आदेश पर उसके कुछ शिष्य अंदर एक कोठरी से एक लड़की को बाहर ले आए. वो लड़की कोई और नही सलमा थी और वह भी पूरी नंगी.
सलमा को त्रिकाल के चंगुल मे देख अर्जुन का खून खौल उठा. पर करण और काजल ने उसे समझाया और कोई भी ग़लत कदम उठाने से रोका.
“आअह...यह तो एक रूप सुंदरी है....इसे भोगने मे बहुत मज़ा आएगा...हा हा हा..” त्रिकाल की आँखे सलमा के गोरे चिकने जिस्म को देख कर चमक उठी.
“छोड़ दो मुझे....कॉन हो तुम लोग....मुझे प्लीज़ जाने दो..” सलमा अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली. तभी त्रिकाल के शिष्य ने उसे खीच के एक तमाचा मारा और वो वही ज़मीन पर गिर गयी.
तमाचा इतना ज़ोर का था कि सलमा का पूरा जबड़ा हिल गया. उसकी आँखो से आँसू बहने लगे. दूर चट्टानो के पीछे से अर्जुन उसे देख रहा था, पर वो चाह कर भी कुछ नही कर सकता था.
“पकडो इसे...और मेरे पास ले आओ..” त्रिकाल ने आदेश दिया. उसके शिष्यो ने सलमा के बाल पकड़ कर घसीट ते हुए उसे त्रिकाल के कदमो मे ला के गिरा दिया. इतनी ज़ोर से बाल खिचने की वजह से सलमा तड़प उठी और उसके सर से खून बहने लगा. वहशिपन का बड़ा गंदा नज़ारा था वो.
जब सलमा त्रिकाल के सामने खड़ी हुई तो वो उसके सामने कोई बच्ची लग रही थी. त्रिकाल का विकराल शरीर सलमा के फूल से बदन के सामने किसी राक्षस के समान लग रहा था.
त्रिकाल ने झुक के एक झटके मे ही सलमा को एक हाथ से उठा लिया और उसे बलि वेदी पर ले जाकर पटक दिया. सलमा अपने आपको छुड़ाने की बहुत कोशिश करने लगी पर त्रिकाल के सामने उसकी एक नही चल रही थी.
बलि वेदी के उपर शैतान की एक बड़ी सी ख़ौफफनाक मूर्ति थी जिसकी आँखे लाल लाल चमक रही थी. वो मूर्ति इतनी डरावनी थी कि अगर कोई कमज़ोर दिल का व्यक्ति उस मूर्ति को देख ले तो उसको वही दिल का दौरा आ जाए.
इधर चट्टान के पीछे छुपे तीनो भाई बहन यह सब सुन रहे थे. उनको पता चल गया था कि आज त्रिकाल की आख़िरी बलि है, अगर आज उसे ना रोका गया तो वो पूरी दुनिया मे कोहराम मचा देगा.
“जाओ उस नयी लड़की को ले आओ...बलि का वक़्त आ गया है...” त्रिकाल शेर की तरह दहाड़ा. उसके आदेश पर उसके कुछ शिष्य अंदर एक कोठरी से एक लड़की को बाहर ले आए. वो लड़की कोई और नही सलमा थी और वह भी पूरी नंगी.
सलमा को त्रिकाल के चंगुल मे देख अर्जुन का खून खौल उठा. पर करण और काजल ने उसे समझाया और कोई भी ग़लत कदम उठाने से रोका.
“आअह...यह तो एक रूप सुंदरी है....इसे भोगने मे बहुत मज़ा आएगा...हा हा हा..” त्रिकाल की आँखे सलमा के गोरे चिकने जिस्म को देख कर चमक उठी.
“छोड़ दो मुझे....कॉन हो तुम लोग....मुझे प्लीज़ जाने दो..” सलमा अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली. तभी त्रिकाल के शिष्य ने उसे खीच के एक तमाचा मारा और वो वही ज़मीन पर गिर गयी.
तमाचा इतना ज़ोर का था कि सलमा का पूरा जबड़ा हिल गया. उसकी आँखो से आँसू बहने लगे. दूर चट्टानो के पीछे से अर्जुन उसे देख रहा था, पर वो चाह कर भी कुछ नही कर सकता था.
“पकडो इसे...और मेरे पास ले आओ..” त्रिकाल ने आदेश दिया. उसके शिष्यो ने सलमा के बाल पकड़ कर घसीट ते हुए उसे त्रिकाल के कदमो मे ला के गिरा दिया. इतनी ज़ोर से बाल खिचने की वजह से सलमा तड़प उठी और उसके सर से खून बहने लगा. वहशिपन का बड़ा गंदा नज़ारा था वो.
जब सलमा त्रिकाल के सामने खड़ी हुई तो वो उसके सामने कोई बच्ची लग रही थी. त्रिकाल का विकराल शरीर सलमा के फूल से बदन के सामने किसी राक्षस के समान लग रहा था.
त्रिकाल ने झुक के एक झटके मे ही सलमा को एक हाथ से उठा लिया और उसे बलि वेदी पर ले जाकर पटक दिया. सलमा अपने आपको छुड़ाने की बहुत कोशिश करने लगी पर त्रिकाल के सामने उसकी एक नही चल रही थी.
बलि वेदी के उपर शैतान की एक बड़ी सी ख़ौफफनाक मूर्ति थी जिसकी आँखे लाल लाल चमक रही थी. वो मूर्ति इतनी डरावनी थी कि अगर कोई कमज़ोर दिल का व्यक्ति उस मूर्ति को देख ले तो उसको वही दिल का दौरा आ जाए.
यह
सब तीनो चट्टान के पीछे से देख
रहे थे,
पर
वो मजबूर थे.
इधर
त्रिकाल ने अपना काला चोगा
उतार दिया और उसका भीमकाय हबशी
शरीर नंगा हो गया.
उसका
पूरा शरीर बालो से किसी भालू
की तरह भरा हुआ था.
वो
बहुत कुरूप और बदसूरत था.
सलमा
उसे ख़ौफ्फ भरी निगाहो से देख
रही थी.
ऐसा
राक्षस जैसा आदमी उसने कभी
नही देखा था.
जब सलमा ने त्रिकाल को देखा तो उसके होश उड़ गये. किसी हाथी के समान विकराल था त्रिकाल, एकदम काला जो किसी तरह से आदमी नहीं हो सकता था. त्रिकाल उसे बड़ी वासना भरी नजरो से देख रहा था.
“हे मेरे शैतानो के देवता...मैं आज यह आख़िरी 101वी कुवारि लड़की को तुझे बलि के रूप मे सौंप रहा हू.....मेरी बलि स्वीकार करना...” त्रिकाल ज़ोर से दहाड़ता हुआ बोला.
जो उसके साथ आगे होने वाला था वो सोच कर सलमा बिलख बिलख कर रोने लगी, “प्लीज़ मुझे छोड़ दो....मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है....मुझे प्लीज़ मत मारो...मैं जीना चाहती हू...” सलमा गिडगिडाने के सिवा और कुछ नही कर सकती थी.
“चुप हो जा साली रंडी...तू आज रात मेरी वासना की भूक को शांत करेगी...अभी शैतान मेरे शरीर मे प्रवेश कर के तेरे साथ संभोग करेगा...फिर तेरी बलि उसे चढ़ाई जाएगी....हा हा हा..” त्रिकाल ठहाका लगाके हँसने लगा.
फिर उस गुफा मे अचानक धूआ सा फैल गया. करण अर्जुन और काजल ने देखा कि शैतान की मूर्ति से कुछ साया निकल के त्रिकाल के शरीर मे घुस गया. उस साए के घुसते ही त्रिकाल की आँखो मे खून उतर आया और वासना से पागल हो गया.
किसी जंगली जानवरो की तरह वो फूल सी नाज़ुक सलमा पर टूट पड़ा और उस से अपनी वासना की प्यास बुझाने लगा. इधर कारण अर्जुन और काजल को यह सब देख कर बहुत दुख हो रहा था. बेचारी सलमा का क्या कसूर था कि भगवान उसे ऐसी सज़ा दे रहा है.
सारे तांत्रिक शिष्य अपने काले जादू मे लीन हो गये. इधर सलमा चीखती चिल्लाती रही, त्रिकाल से रहम की भीक मांगती रही पर उस शैतान पर कोई असर नही पड़ा.
त्रिकाल के बड़े बड़े कठोर हाथ सलमा के नाज़ुक जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहे थे. ऐसा लग रह था कि कोई शेर किसी बकरी के उपर लेटा हो. अपने जिस्म को इतने ज़ोर से मसले जाने पर सलमा चीख उठी. त्रिकाल ने उसे इतने ज़ोर से काटा कि वहाँ से खून बहने लगा.
जब सलमा ने त्रिकाल को देखा तो उसके होश उड़ गये. किसी हाथी के समान विकराल था त्रिकाल, एकदम काला जो किसी तरह से आदमी नहीं हो सकता था. त्रिकाल उसे बड़ी वासना भरी नजरो से देख रहा था.
“हे मेरे शैतानो के देवता...मैं आज यह आख़िरी 101वी कुवारि लड़की को तुझे बलि के रूप मे सौंप रहा हू.....मेरी बलि स्वीकार करना...” त्रिकाल ज़ोर से दहाड़ता हुआ बोला.
जो उसके साथ आगे होने वाला था वो सोच कर सलमा बिलख बिलख कर रोने लगी, “प्लीज़ मुझे छोड़ दो....मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है....मुझे प्लीज़ मत मारो...मैं जीना चाहती हू...” सलमा गिडगिडाने के सिवा और कुछ नही कर सकती थी.
“चुप हो जा साली रंडी...तू आज रात मेरी वासना की भूक को शांत करेगी...अभी शैतान मेरे शरीर मे प्रवेश कर के तेरे साथ संभोग करेगा...फिर तेरी बलि उसे चढ़ाई जाएगी....हा हा हा..” त्रिकाल ठहाका लगाके हँसने लगा.
फिर उस गुफा मे अचानक धूआ सा फैल गया. करण अर्जुन और काजल ने देखा कि शैतान की मूर्ति से कुछ साया निकल के त्रिकाल के शरीर मे घुस गया. उस साए के घुसते ही त्रिकाल की आँखो मे खून उतर आया और वासना से पागल हो गया.
किसी जंगली जानवरो की तरह वो फूल सी नाज़ुक सलमा पर टूट पड़ा और उस से अपनी वासना की प्यास बुझाने लगा. इधर कारण अर्जुन और काजल को यह सब देख कर बहुत दुख हो रहा था. बेचारी सलमा का क्या कसूर था कि भगवान उसे ऐसी सज़ा दे रहा है.
सारे तांत्रिक शिष्य अपने काले जादू मे लीन हो गये. इधर सलमा चीखती चिल्लाती रही, त्रिकाल से रहम की भीक मांगती रही पर उस शैतान पर कोई असर नही पड़ा.
त्रिकाल के बड़े बड़े कठोर हाथ सलमा के नाज़ुक जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहे थे. ऐसा लग रह था कि कोई शेर किसी बकरी के उपर लेटा हो. अपने जिस्म को इतने ज़ोर से मसले जाने पर सलमा चीख उठी. त्रिकाल ने उसे इतने ज़ोर से काटा कि वहाँ से खून बहने लगा.
सलमा
बचने की नाकाम कोशिश कर रही
थी.
उसको
इतना दर्द हो रहा था कि उसे
लगा कि वो उस दर्द से ही मर
जाएगी.
त्रिकाल
के कठोर हाथ सलमा की कमसिन
जिस्म
को बड़े बेरहमी से सहला रहे
थे.
सलमा
को बहुत दर्द हो रहा था जिसके
कारण वो अपने होश संभाल के नही
रख पाई और बेहोश हो गयी.
त्रिकाल मे समाए शैतान की वासना चरम पर थी. उसने सलमा को बड़े गौर से देखा. सलमा के पूरे जिस्म पर काटने और चिल्लाने के निशान थे. होंठो के किनारे से लगातार खून बह रहा था. सलमा के गोरे जिस्म पर भी त्रिकाल के नाखूनो के निशान थे जो उसके वहशिपन का सबूत थे.
“अब यह लड़की हमेशा के लिए शैतान की हुई....हा हा हा..” त्रिकाल के अंदर समाए शैतान ने ठहाका लगा के कहा.
उसने अपने शिष्यो को इशारा किया जो काला जादू करने मे लगे हुए थे. वो सबने भी अपना चोगा उतार दिया और नंगे होकर त्रिकाल के पास आ गये.
“बलि का वक़्त निकला जा रहा है, तांत्रिक राज त्रिकाल...” त्रिकाल के एक शिष्य ने उसको याद दिलाया.
वासना का ऐसा गंदा खेल देख कर करण अर्जुन और काजल के सर शर्म से झुक गये. ख़ास कर काजल का जिसे ऐसा दृश्य अपने भाइयो के साथ देखना पड़ रहा था.
त्रिकाल मे समाए शैतान की वासना चरम पर थी. उसने सलमा को बड़े गौर से देखा. सलमा के पूरे जिस्म पर काटने और चिल्लाने के निशान थे. होंठो के किनारे से लगातार खून बह रहा था. सलमा के गोरे जिस्म पर भी त्रिकाल के नाखूनो के निशान थे जो उसके वहशिपन का सबूत थे.
“अब यह लड़की हमेशा के लिए शैतान की हुई....हा हा हा..” त्रिकाल के अंदर समाए शैतान ने ठहाका लगा के कहा.
उसने अपने शिष्यो को इशारा किया जो काला जादू करने मे लगे हुए थे. वो सबने भी अपना चोगा उतार दिया और नंगे होकर त्रिकाल के पास आ गये.
“बलि का वक़्त निकला जा रहा है, तांत्रिक राज त्रिकाल...” त्रिकाल के एक शिष्य ने उसको याद दिलाया.
वासना का ऐसा गंदा खेल देख कर करण अर्जुन और काजल के सर शर्म से झुक गये. ख़ास कर काजल का जिसे ऐसा दृश्य अपने भाइयो के साथ देखना पड़ रहा था.
“शैतान
की जय हो.....”
हुंकार
भरते त्रिकाल सलमा के जिस्म
को किसी चाकू की तरह चीरता हुआ
अंदर प्रवेश कर गया.
बेहोश सलमा को इतना तेज़ दर्द हुआ कि उसको होश आ गया और वो छटपटाने लगी. बेचारी चीख भी नही पा रही थी . ऐसा दर्द उसने अपने पूरे जीवन मे कभी महसूस नही किया था.
बेहोश सलमा को इतना तेज़ दर्द हुआ कि उसको होश आ गया और वो छटपटाने लगी. बेचारी चीख भी नही पा रही थी . ऐसा दर्द उसने अपने पूरे जीवन मे कभी महसूस नही किया था.
इतने विशाल त्रिकाल ने सलमा की सारी नसे फाड़ दी थी जिनसे बेतहाशा खून बह रहा था. इतना ज़्यादा खून निकलने से सलमा ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी,
यह दृश्य चट्टान के पीछे छुपि काजल देख ना सकी. आख़िर वो भी एक औरत थी और वो औरतो का दर्द अच्छे से समझती थी इसलिए उसने अपना मूह फेर लिया. करण और अर्जुन भी ऐसा दर्दनाक दृश्य देख कर भावुक हो गये और उनकी आँखे भी नम हो गयी.
इधर त्रिकाल ने एक तगड़ा झटका ऐसा मारा कि सलमा दर्द की दबी हुई चीख मारते हुए अपना सर इधर उधर पटाकने लगी. दर्द इतना असहनीय था कि वो फिर से बेहोशी की दुनिया मे चली गयी.
“देख शैतान...आज मैने तेरे लिए यह कुवारि लड़की से संभोग किया है...अब इसकी बलि स्वीकार करना...हा हा हा..” त्रिकाल को यह नही पता चल पाया कि सलमा कुवारि नही थी
खैर यह सब से अंजान त्रिकाल तो अपनी वासना शांत करने मे लगा था. ताबड़तोड़ धक्को से बेहोश सलमा का पूरा जिस्म हिचकोले खा रहा था.
“यह ले शैतान....मैने तेरी वासना को शांत कर दिया...अब इस लड़की की बलि के बाद तुझे अपना वादे पूरा करना पड़ेगा और मुझे अमर बनाना पड़ेगा...” दहाड़ता हुआ त्रिकाल सलमा से उठ खड़ा हुआ.
सलमा बिल्कुल बेजान पड़ी थी. किस्मत ने भी उसके साथ कैसा खेल खेला था. एक तो जिसे उसने इतना प्यार किया उसने उसका बलात्कार किया और आज किसी काला जादू करने वाले तांत्रिक ने उसकी इज़्ज़त की धज्जिया उड़ा दी. अब अगर वो उसका बलि दे भी दे तो कोई गम नही था उसे क्यूकी ऐसी ज़िल्लत भरी जिंदगी वो नही जीना चाहती थी. अगर वो त्रिकाल से बच भी जाती तो सुसाइड कर लेती.
करण अर्जुन और काजल ने ऐसा नज़ारा कभी नही देखा था. उन्हे उस वहशी दरिंदे पर पर बहुत गुस्सा आ रहा था. तभी उन्होने देखा कि त्रिकाल के शरीर से वो काला साया निकल कर वापस शैतान की मूर्ति मे समा गया.
“अब इस लड़की को बलि चढ़ाने की बारी है....अब मुझे अमर होने से कोई नही रोक सकता...इस बलि के बाद शैतान साक्षात मुझे दर्शन देंगे और मुझे अमर बना देंगे....हा हा हा..” हंसता हुआ त्रिकाल पास मे पड़ी हुई कुल्हाड़ी उठा लिया.
अर्जुन से अब नही रहा गया, वो उठ कर त्रिकाल से लड़ना चाहता था, वो अपनी सलमा को हर हाल मे बचाना चाहता था, लेकिन मौके की नज़ाकत देख कर करण ने उसे शांत करवा दिया. उसे पता था कि कोई भी त्रिकाल के काले जादू के सामने नही टिक पाएगा.
“तय्यार हो जा लड़की मरने के लिए...तू उन 101 खुशनसीब लड़कियो मे से है जिन्हे शैतान की वासना शांत करने का मौका मिला है....” हुंकारता हुआ त्रिकाल बोला.
सलमा
ने अपनी मौत निश्चित समझ कर
अपनी आँखो को बंद कर लिया.
वो
अपने अल्लाह को याद करने लगी.
उसे
पूरा विश्वास था कि एक ना एक
दिन अल्लाह का कोई बंदा आएगा
और इस दुष्ट तांत्रिक को मार
कर बुराई पर सच की जीत साबित
करेगा.
कुल्हाड़ी का वार हुआ और सलमा का खूबसूरत चेहरा उसके सर के साथ उसके धड़ से अलग हो गया.
अर्जुन यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रह था. उसके सामने उसकी प्रेमिका से बलात्कार कर के मार दिया गया और वह कुछ ना कर सका. करण का भी यही हाल था.
लेकिन काजल से यह घिनोना दृश्या देखा नही गया. सलमा का सर कट ते ही उसकी चीख निकल पड़ी. अर्जुन और करण ने जब तक काजल का मूह बंद किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी. त्रिकाल का ध्यान उस तरफ चला गया था जहाँ वो तीनो छुपे हुए थे.
कुल्हाड़ी का वार हुआ और सलमा का खूबसूरत चेहरा उसके सर के साथ उसके धड़ से अलग हो गया.
अर्जुन यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रह था. उसके सामने उसकी प्रेमिका से बलात्कार कर के मार दिया गया और वह कुछ ना कर सका. करण का भी यही हाल था.
लेकिन काजल से यह घिनोना दृश्या देखा नही गया. सलमा का सर कट ते ही उसकी चीख निकल पड़ी. अर्जुन और करण ने जब तक काजल का मूह बंद किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी. त्रिकाल का ध्यान उस तरफ चला गया था जहाँ वो तीनो छुपे हुए थे.
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