काले जादू की दुनिया -1
काले जादू की दुनिया -1
फ्रेंड्स मैं कोई राइटर नही हूँ पर कोई कहानी अच्छी लगती है तो उसे पोस्ट कर देता हूँ दोस्तो ये कहानी सेक्सी होने के साथ काले जादू पर आधारित है ...........
“अर्जुन………बचाओ मुझे……मैं यहाँ इस अंधेरी खौफनाक गुफा मे बंद हू…मेरे बेटे बस एक तुम ही हो जो मुझे यहाँ से बाहर निकाल सकते हो………”
एक ऐसा ही सपना उसके दिमाग़ के अंधेरे गलियारो मे आता है जिस से अर्जुन की नींद खुल गयी.
“माआआआ……………” अर्जुन हड़बड़ा के उठ गया. उसके चेहरे पर पसीने की बूंदे सॉफ दिखाई दे रही थी.
“पिच्छले दो महीनो से मुझे यह अजीबो ग़रीब सपने आ रहे है. लगता है जैसे कि मेरी माँ मुझे पुकार रही हो. पर यह कैसे हो सकता है, मेरी माँ तो बारह साल पहले ही मर चुकी है. लेकिन उनकी यह दर्द भरी पुकार अभी भी मेरे कानो मे मंदिर की घंटियों की तरह गूँज रही है. आख़िर इन सपनो का अचानक आने का क्या मतलब हो सकता है.”
अर्जुन अपने इन्ही ख़यालो मे खोया हुआ था कि बाहर दरवाज़े की घंटी बज गयी. बाहर शाम हो चुकी थी पर अभी भी आसमान मे घने काले बादल छाए हुए थे, हल्की हल्की ठंडी हवा चल रही थी जो दिन मे हुए बारिश के होने का सबूत थी. साइट पर बहुत काम होने की वजह से अर्जुन जो वहाँ का चीफ इंजिनियर था, थोड़ा थक गया था जिसकी वजह से उसे हल्की नींद आ गयी थी.
अर्जुन तौलिया लपेट कर जम्हाई लेते हुए दरवाज़े तक पहुचा, “कौन है…?” उसने पूछा.
“अरे कौन है भाई...अब बोलो भी...” उसने फिर दोहराया.
“तुम्हे मैं भाई दिखती हू...” बाहर से एक लड़की की मीठी आवाज़ आई.
जैसे ही अर्जुन ने दरवाज़ा खोला तो सामने एक खूबसूरत लड़की टाइट सफेद पंजाबी सूट मे खड़ी थी. “अरे सलमा...तुम यहाँ...व्हाट आ सर्प्राइज़ बेब...” कहते हुए अर्जुन ने उस सुंदर सी लड़की को कमर से पकड़ कर अंदर खीच लिया और अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया.
“ह्म्म्म.....मिस्टर. अर्जुन आज आप बड़े नॉटी मूड मे लग रहे हो...क्या बात है, मैM मिली नही इतने दिनो से तो इतने बेकरार हो गये...” सलमा अर्जुन की बाँहो मे झूमते हुए बोली.
अर्जुन ने सलमा को धक्का दे कर दीवाल के सहारे झुका दिया और उसे पकड़ कर अपने से कस कर चिपका लिया, फिर पीछे से उसकी एक कान को हल्के से चूस्ते हुए बुद्बुदाया, “तू जो नही मिली मुझे इतने दिनो से...”
“आह....उम्म्म....छोड़ो अर्जुन जब देखो तब तुम्हे सिर्फ़ सेक्स ही सेक्स दिखता है...तुम जानते हो ना मुझे यह सब करना बिल्कुल पसंद नही है... अब तो कभी कभी लगता है कि तुम मुझसे नही सिर्फ़ मेरे जिस्म से प्यार करते हो.”
अर्जुन ने सलमा की बातों पर ध्यान नही दिया और अपने जिस्म को उसके पीछे से रगड़ने लगा. सलमा को यह एहसास हो चुका था कि उसकाआशिक़ आज उसे नहीं छोड़ेगा
सलमा बचने के लिए जैसे ही आगे की ओर झुकी वैसे ही अर्जुन भी उसके साथ आगे बढ़ गया और कमर के चारो तरफ हाथो का शिकंजा बना कर, सलमा के कानो को बड़ी शिद्दत से चूसने लगा. फिर वो हौले से नीचे आया और बड़े प्यार से सलमा की गोरी पीठ और गर्दन को चूमने लगा.
अर्जुन को पता था कि कान और गर्दन चूसने और चूमने से सलमा बहुत ज़्यादा और बहुत जल्दी गरम हो जाती है, पर फिर भी अभी तक सलमा ने उसे अपने साथ सेक्स करने नही दिया था.
पर फिलहाल सलमा भी लगातार अपनी पीठ और गर्दन पर अर्जुन की गरम सांसो को महसूस कर रही थी जो उसे बहुत ही ज़्यादा उत्तेजित कर रहा था.
“उम्म्म्म......आहह.....ओह्ह्ह्ह....प्लीईईईईईज...अर्जुंन्ं...तुमने मुझसे वादा किया था कि हम शादी से पहले कभी सेक्स नही करेंगे...” सलमा की आवाज़ मे विरोध से ज़्यादा समर्थन था.
अर्जुन को तो अभी सलमा के जिस्म के अलावा कुछ और दिख ही नही रहा था. वासना उसपर पूरी तरह से हावी हो चुकी थी. उसने झटके से सलमा को घुमाया और उसके होंठो को अपने होंठो मे क़ैद कर लिया.
सलमा पर भी खुमारी चढ़ती जा रही थी. उसने अपने कोमल मुलायम हाथ अर्जुन के गर्दन के चारो तरफ डाल दिए और उसके होठ चूसने लगी. अर्जुन ने मौका देख कर अपने हाथो मे सलमा के जिस्म को थाम लिया और ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा. सलमा अब पूरी तरह से बावली हो चुकी थी. अर्जुन ने सलमा की गर्दन से उसका दुपट्टा उतार फेका
“आह....अर्जुन....प्लीज़...मैं सेक्स नेह्हियियी करना चाहती....” सलमा बहुत उत्तेजित हो रही थी.
“जानू तुम पूरे दो महीने बाद मुंबई आई हो.... एक राउंड तो बनता है ना...” कहते हुए अर्जुन ने उसको अपने गोद मे उठाया और ले जाकर बेरहमी से अपने बिस्तर पर पटक दिया. अपना तौलिया हटा के वो सलमा पे टूट पड़ा.
एक झटके मे सलमा की कमीज़ उसके जिस्म से अलग हो गयी.
“प्लीज़ अर्जुन...इसके आगे मत बढ़ो...तुम्हे मेरी कसम...” गिडगिडाते हुए सलमा अपने आपको अर्जुन की वासना भरी निगाहों से छुपाने लगी. उसे लगने लगा था कि अगर वो अर्जुन को नही रोकेगी तो वो हो जाएगा जो वो शादी से पहले नही करना चाहती. उसकी आँखो से वासना का परदा हट चुका था.
“कम ऑन डार्लिंग...किसी बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड के बीच ये सब तो होता ही है...” कहते हुए ज़बरदस्ती अर्जुन ने ब्रा को फाड़ कर दिया.
अर्जुन के इस वहशिपन को एक बार देख कर सलमा भौचक्की रह गयी, “अर्जुन क्या तुम्हे मेरी फीलिंग की कोई परवाह नही है...क्या तुम सिर्फ़ मेरे इस जिस्म से प्यार करते हो मेरी आत्मा से नही....”
“अरे बस कर नौटंकी...बहुत सुन लिया तेरा सती सावित्री होने का नाटक....अब चल यह सलवार खोल नही तो यह भी फाड़ दूँगा.” कहते हुए अर्जुन ने सलमा के हाथो को एक तरफ हटाया और झटके से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया.
“प्लीज़ अर्जुन मैं तुमसे प्यार करती हूँ...हम यह सब शादी के बाद करेंगे...प्लीज़ अल्लाह के वास्ते यह सब बंद करो...” सलमा अपने जिस्म को छुपाते हुए बोली.
“साली यह शादी शादी क्या लगा रखा है...तुम जानती हो तुम्हारे अब्बू और अम्मी जान, कभी इस रिश्ते के लिए तय्यार नही होंगे...तुम एक मुस्लिम लड़की हो और मैं एक हिंदू लड़का हूँ, यह शादी कभी नही हो सकती...अब कम से कम मुझे सुहागरात तो मना लेने दो.” अर्जुन ने बेदर्दी से सलमा की जाँघो को अलग कर दिया और उसकी काली मॅचिंग सिल्क पैंटी भी खीच कर फाड़ दी.
अंदर का नज़ारा देख कर अर्जुन के मूह मे पानी आ गया,
अर्जुन सलमा के खूबसूरत जिस्म से खेलने लगा उसे पता था कि एक औरत को कैसे गरम किया जाता है.
सलमा को तो विश्वास नही हो रहा था कि वो जिस से प्यार करती है वो उसके जिस्म का इतना भूका है, सिर्फ़ दो महीने मे अर्जुन का असली रंग उसके सामने आ गया, वो समझ चुकी थी कि अर्जुन ने इसीलिए उसे आज इतनी शाम को अपने घर बुलाया था.
वो अपनी किस्मत को कोस रही थी कि क्यू वो अर्जुन की मीठी मीठी बातों मे आ गयी कि उनका धर्म कभी भी उनके प्यार के बीच नही आएगा और यदि आया तो वो सलमा को उसके घर से भगा के शादी कर लेगा.
उसे अपने अब्बू और अम्मी की बातें याद आ रही थी जब उन्होने कहा था कि अर्जुन जैसे अमीर लड़के सिर्फ़ लड़कियो के जिस्म से खेलते है कभी उनसे प्यार नही करते. उसे अब अर्जुन से नफ़रत सी होने लगी थी, लेकिन उसे पता था कि अब उसका कौमार्या नही बचेगा. उसको एहसाह हो गया था कि अर्जुन जैसे लड़के से प्यार करने की सज़ा उसे मिल रही है.
उम्मीद छोड़ कर सलमा ने अपने जिस्म को अर्जुन के हवाले कर दिया और एक मोम के पुतले की तरह शांत पड़ गयी. उसका जिस्म तो शांत था पर उसकी आँखो से लगातार आँसू बहे जा रहे थे.
जिसे देख कर अर्जुन का हौसला और बढ़ गया, “आ गयी ना लाइन पर...इतनी बड़ी बड़ी बातें कर रही थी...
भले ही सलमा का जिस्म उसका साथ नही दे रहा था पर उसका मन यही कह रहा था कि शादी से पहले यह सब करना ग़लत है, उसके अब्बू अम्मी ने उसको ऐसी ही नेक तालीम दी थी. खैर उसने आगे आने वाले पल को अल्लाह पर छोड़ कर अपनी आँखे बंद कर ली.
अर्जुन अब बर्दाश्त से बाहर हो चुका था. अब वो सलमा की जाँघो के बीच आ गया, “तय्यार हो जा मेरी रानी जन्नत का मजा लेने के लिए...”
मोम के पुतले की तरह पड़ी सलमा कुछ ना बोली, वो अपने किस्मत से समझौता कर चुकी थी.
”क्या हुआ जानू...तुम तो किसी मोम के पुतले की तरह कुछ रियेक्शन ही नही दे रही हो...देखना अभी जन्नत का मज़ा मिलेगा...”
अर्जुन के वार को सलमा सहन नहीं कर पायी और वेहोश हो गयी
ना जाने वो कितनी देर तक सलमा को रौन्द्ता रहा, उसके जिस्म से अपनी हवस का प्यास बुझाता रहा.
जब सलमा ने अपनी आँखे किसी तरह खोली तो अपने उपर अर्जुन को चढ़ा पाया.
अगली चीज़ हो सलमा को महसूस हुई वो थी एक तेज़ दर्द की लहर जो उसे अपने जिस्म मे महसूस हुई.
अर्जुन ने जब देखा कि सलमा को होश आ गया है तो उसके ऊपर से उठा और बगल मे बिस्तर पर लेट गया. सलमा ने अपना सर उठाया और सामने बिस्तर की चादर पर बेहिसाब खून पड़ा देख उसका आँखे एक बार फिर नम हो गयी. जब उसने अपनी जिस्म पर हाथ फेरा तो एक दर्द की तेज़ की लहर उसके जेहन मे दौड़ गयी. अर्जुन ने उसे इतने बेरहमी से जनवरो की तरह पेला था कि उसके जिस्म से अभी तक खून की धार रिस रिस कर बाहर आ रही थी.
सलमा ने एक नज़र बगल मे लेटे हुए अर्जुन पर डाली, उसके मूह पर एक विजयी मुस्कान थी और मूह मे एक सिगरेट.
“अरे मेरी रानी, तुझे कुछ नही हुआ, ज़रा सा बस बेहोश हो गयी थी....और यह खून भी तुरंत रुक जाएगा...अर्जुन आराम से सिगरेट का कश लगाते हुए बोला.
सलमा ने सोचा कि यह कितना गंदा आदमी है, जो उस से इतना प्यार करती है उसे यह वासना का पुजारी बेहोशी की हालत मे भी नहीं बख़्शा वो बिना कुछ बोले उठी, पर उसके पैर जवाब दे गये और वो लड़खड़ा गयी.
अर्जुन आगे बढ़ कर उसे थामने वाला ही था कि सलमा ने उसे पहले ही रोक दिया. वो नही चाहती थी यह इंसान उसे अब एक भी बार और च्छुए.
बाहर अब तक काफ़ी रात हो गयी थी. सलमा चुप चाप अपने कपड़े समेटने लगी, उसकी आँखे लगातार आँसू टपका रही थी. उसने अपना सलवार कमीज़ उठाया और पहन ने लगी. ब्रा और पैंटी तो अर्जुन ने बेरहमी से फाड़ दी थी जो अब पहन ने लायक नही रह गयी थी.
उसने एक मोम के पुतले की तरह अपना दुपट्टा उठाया और घर से बाहर जाने लगी.
“अरे इतनी रात को बाहर क्यू जा रही है...आज मेरे यहाँ ही रुक जा...थोड़ी और मस्ती करते है...रात भर प्यार व्यार करेंगे...” अर्जुन मूह से सिगरेट निकालते हुए बोला.
सलमा लड़खड़ाते हुए अर्जुन के पास आई और अपनी पूरी ताक़त लगा कर अर्जुन के गालो पर ज़ोर का तमाचा लगा दिया. “तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” सलमा ने बस इतना कहा और लड़खड़ाते कदमो से बाहर निकल गयी.
तमाचा पड़ने से अर्जुन सन्न रहा गया, पर आज ना जाने क्यू उसे बुरा नही लगा. वासना का भूत अब अर्जुन से उतर चुका था. उसके दिल मे कही ना कही ग्लानि का भाव था कि उसने सलमा के साथ जो किया वो ग़लत था. इस से पहले वो कयि लड़कियो को ठोक चुका था पर वो सब अर्जुन के दौलत की भूकि थी और हमेशा तय्यार रहती थी. पर सलमा की बात कुछ और थी. भले ही वो ग़रीब परिवार की थी पर उसमे अर्जुन के लिए सच्चा प्यार था ना कि बाकी लड़कियो की तरह पैसो का लालच.
अर्जुन को अभी तक लग रहा था कि सलमा सेक्स एंजाय करेगी, उसने सलमा के संस्कारो को ठीक से समझा नही था. सलमा के लिए अपनी और अपने अब्बू अम्मी की इज़्ज़त ही सबकुछ थी जिसकी अभी अभी उसने धज्जिया उड़ा दी
उसकी पलको पर भी आँसू छलक आए. उसे अचानक अपनी माँ की याद आ गयी. उसके पापा तो बचपन मे ही उसका साथ छोड़ कर चले गये थे, पर बारह साल पहले जब वो खुद बारह साल का था तब उसकी माँ भी उसे और उसकी उस समय 9 साल की छोटी बहन काजल को छोड़ कर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.
अर्जुन के कान समाज के ताने सुन सुन कर पक गये कि उसकी माँ एक बदचलन औरत थी क्यूकी उस जमाने मे किसी औरत के ऐसे अचानक गायब हो जाने पर सब उसे गंदी निगाहो से देखते थे.
पैसो की कोई कमी नही थी अर्जुन के पास और ना ही कोई रिश्तेदार थे उसके. थी तो बस उसकी प्यारी सी छोटी बहन काजल जिसे वो अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता था. वो एक बहुत बड़ी कन्स्ट्रक्षन कंपनी मे सीनियर सिविल इंजिनियर था और उसकी बेहन काजल लॉ स्कूल मे वकालत पढ़ रही थी.
शायद माँ बाप की कमी होने के वजह से ही अर्जुन इतना बिगड़ गया था, पर आज भी उसका दिल बहुत सॉफ था. उसे अंत तक यही लग रहा था कि बाकी लड़कियो की तरह सलमा नाटक कर रही है और आख़िर मे वो भी सब की तरह सेक्स एंजाय करेगी, पर उसका सोचना ग़लत साबित हुआ. आज तक उसकी लाइफ मे हमेशा मतलबी लड़किया ही आई थी जिन्हे पैसो के लिए बिस्तर गरम करना पड़े तो वो वह भी कर सकती थी. इसी कौतूहल मे शायद अर्जुन ने एक सच्चे प्यार को खो दिया था.
“तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” उसके कानो मे अभी भी सलमा की कही हुई यह बात गूँज रही थी जो सीधे उसके दिल को छल्नी कर रही थी.
“ओह माइ गॉड...यह मैने वासना के नशे मे क्या कर दिया...मुझे सलमा के साथ ऐसा नही करना चाहिए था.” कहते हुए अर्जुन तुरंत उठा और अपना घर के बाहर झाँका इस उम्मीद मे कि शायद उसे सलमा दिखाई दे जाए, पर उसे सलमा दूर दूर तक नही दिखाई दे रही थी, दिखाई दे रहा था तो बस अंधेरे की वो काली चादर जो आसपास फैली हुई थी.
कोई बात नही कल सलमा को कान पकड़ कर सॉरी कह दूँगा...शायद वो मुझे माफ़ कर दे...” अर्जुन अपने मन को झूठी तसल्ली दे रहा था क्यूकी वो जानता था कि जिस तरह से सलमा उस से रूठ कर गयी है वो उसे कभी माफ़ नही करेगी.
वापस बिस्तर पर आते ही उसे अपने सपने के बारे मे याद आया. वो वासना के भवर मे ऐसा फसा था कि उसे और कुछ याद ही नही रहा यहाँ तक कि वो कल आने वाले अपनी छोटी बहन काजल का बर्तडे भी भूल गया था.
“आर्जूउन्न्ं………बचाओ मुझे……मैं यहाँ इस अंधेरी खौफनाक गुफा मे बंद हू…मेरे बेटे बस एक तुम ही हो जो मुझे यहाँ से बाहर निकाल सकते हो………” अर्जुन को यह सपना याद हो गया था और हो भी क्यू ना, क्यूकी उसे यही सपना पिछ्ले दो महीनो से आ रहा था.
आज का दिन उसके लिए अच्छा नही था. उसके सर मे तेज़ दर्द हो रहा था इसीलये वो लेट गया, थकान की वजह से उसे ज़ोर से नींद आ रही थी. बिस्तर पर पड़े सलमा के खून के धब्बो को देख कर वो मायूस हो गया.
“आइ आम सॉरी सलमा......” वो बुद्बुदाया और अपनी आँखे बंद कर के सो गया.
सुबह उसकी नींद खुली तो बाहर तेज़ धूप थी. वो अंगड़ाई लेकर उठा और बेडशीट को धोने को डाल दिया. सुबह रोज़ की तरह एक्सर्साइज़ और अपना रुटीन करने के बाद वो साइट पर रवाना हो गया.
पूरा दिन उसका मन काम मे नही लग रहा था. दो ऐसी घटनायें थी जिसे सोच सोच कर उसके सर मे दर्द हो रहा था. एक तो उसने सलमा के साथ बहुत बुरा किया और दूसरा वो रहस्यमयी सपना जो उसे लगभग हर रात आता था. इस सपने से तो अब अर्जुन परेशान हो गया था और किसी साइकिट्रिस्ट को दिखाने की सोच रहा था. यह दिन भी आधा निकल गया. उसने सोचा कि सलमा के घर जाकर उस से माफी माँगेगा पर उसकी हिम्मत ही नही हो रही थी. एक तरह से वो अपनी ही नज़रों मे गिर गया था.
अब तक तो शाम हो चली थी. मुंबई मे फिर से बारिश होने के आसार उमड़ रहे थे क्यूकी आसमान मे घने काले बादल फिर छा गये थे. वो वापस घर लौटने की सोच रहा था कि उसकी मोबाइल की घंटी बजी. जैसे ही उसने वो नंबर देखा उसे पसीने छूट गये. वो कॉल उसकी बहन काजल का था और अर्जुन जानता था कि वो उसका बर्तडे भूल गया है और वो यह भी जानता था कि काजल अब उस से पूरा दिन लड़ाई करती रहेगी.
“हेलो मेरी गुड़िया, हॅपी बर्तडे टू यू....तुम ऐसे ही हज़ार साल तक जियो, तुझे मेरी भी उमर लग जाए...मैं भगवान से प्रार्थना करूँगा...” अर्जुन फोन पर बोला.
“पता है मुझे...मेरा बर्तडे भूल गये तो मस्का लगाने के लिए यह सब डाइलॉग बोल रहे हो...और आप तो चाहते ही हो कि मैं हज़ार साल बूढ़ी हो कर जियु....हुहम.” काजल मूह बिचका कर बोली.
“अरे नही ऐसा कुछ नही है...क्या मेरी गुड़िया रानी ऐसा सोचती है कि उसका भाई उसका बर्तडे भूल जाएगा...अब देख मैं तेरे लिए पुर मुंबई मे एक गिफ्ट तलाश कर रहा था जो अब जा कर मुझे मिला है...उपर से मैं तो तुझे सर्प्राइज़ देने वाला था इसीलिए फोन भी नही किया...” अर्जुन माथे पर पसीना पोछता हुआ बोला. उसने किसी तरह बात संभाल ली थी.
“अच्छा अच्छा ठीक है चलो ज़्यादा झूठ मत बोलो...अब यह बताओ कि क्या गिफ्ट लिए हो मेरे लिए.”
“सर्प्राइज़ है...तेरे अपार्टमेंट पर आके ही तुझे तेरा गिफ्ट दूँगा...अब चल फोन रखता हू...बाइ”
“पर जल्दी आना पार्टी शुरू होने वाली है...बाइ” उधर से काजल ने भी फोन काट दिया.
credit -
rajsharmastories
Comments
Post a Comment