अद्भुत भाग-7
अद्भुत
 भाग-7
हॉटेलके
एक कमरेमे नॅन्सी और जॉन बेडपर
एकदुसरेके आमने सामने बैठे
थे.
जॉनने
नॅन्सीके चेहरेपर आती बालोंके
लटोंको एक तरफ हटाया.
''
मुझे
तो डरही लगा था की शायद हम उनके
चंगुलमें ना फंस जाए''
नॅन्सीने
कहा.
वह
अभीभी उस भयानक मनस्थीतीसे
बाहर नही निकल पाई थी.
''
देखो
..
मेरे
होते हूए तुम्हे चिंता करनेकी
क्या जरुरत ?...
मै
तुम्हे कुछभी नही होने दुंगा...
आय
प्रॉमीस''
वह
उसे सांत्वना देनेकी कोशीश
करते हूए बोला.
उसने
मंद मंद मुस्कुराते हूए उसके
तरफ देखा.
सचमुछ
उसे उसके इस शब्दोंसे कितना
अच्छा लगा था.
... 
धीरेसे
जॉन उसके पास खिसक गया.
नॅन्सीने
उसकी आंखोमें देखा.
जॉनभी
अब उसकी आंखोसे अपनी नजरे
हटानेके लिए तैयार नही था.
धीरे
धीरे उनके सांसोकी गति बढने
लगी.
हलकेही
जॉनने उसे अपनी बाहोंमें खिंच
लिया.
उसेभी
मानो उसकी सुरक्षीत बाहोमें
अच्छा लग रहा था.
जॉनने
धीरेसे उसे बेडपर लिटाकर उसका
चेहरा अपनी हाथोंमे लेकर वह
उसकी तरफ एकटक देखने लगा.
धीरे
धीरे उसकी तरफ झुकता गया और
उसके गर्म होंठ अब उसके कांपते
होंठोपर टीक गए.
दोनोभी
बेकाबु होकर एकदुसरेको आवेगमें
चुमने लगे.
इतने
आवेगमेंकी वे दोनो 'धपाक'
से
बेडके निचे फर्शपर गिर गए.
नॅन्सी
निचे और उसके उपर जॉन गिर गया.
दर्दसे
कराहते हूए नॅन्सीने उसे दूर
धकेला,
''
मेरी
क्या हड्डीयां तोडोगे?
'' वह
कराहते हूए बोली.
जॉन
झटसे उठ गया और उसे उपर उठानेका
प्रयास करने लगा.
''
आय
ऍम सॉरी ...
आय
ऍम सो सॉरी ''
वह
बोला.
नॅन्सीने
उसे एक चांटा मारनेका अविर्भाव
किया.
उसनेभी
डरके मारे अपनी आंखे बंद कर
अपना चेहरा दुसरी तरफ हटाया.
नॅन्सी
मनही मन मुस्कुराई.
किसी
छोटे बच्चेकी तरह मासूम भाव
उसके चेहरेपर उभर आए थे.
उसकी
इसी मासूम अदापर तो वह फिदा
हूई थी.
उसने
उसका चेहरा अपने हाथोंमे लिया
और उसकी होंठोंको वह कसकर
चुमने लगी.
वह
भी उसी तडप,
उसी
आवेगके साथ जवाबमें उसे चुमने
लगा.
अब
तो उन्होने निचे फर्शपर बिछे
गालीचेसे उठकर उपर जानेकेभी
जहमत नही उठाई.
असलमें
वे एक क्षणभी गवाना नही चाहते
थे.
वे
निचे गालीचेपरही लेटकर
एकदुसरेंके उपर चुंबनकी बरसात
करने लगे.
चुमनेके
साथही उनके हाथ एकदुसरेके
कपडे निकालनेमें व्यस्त थे.
जॉन
अब उसके सारे कपडे निकालकर
उसमें समा जानेको बेताब हूवा
था.
वह
धीरे धीरे बडी बडी सांसोके
साथ नॅन्सीके उपर झुकने लगा.
इतनेमें...
इतनेंमे
उनके कमरेके दरवाजेपर किसीने
नॉक किया.
वे
मानो जैसे थे वैसे बर्फ की तरह
जम गए.
गडबडाकर
वे एक दुसरेकी तरफ देखने लगे.
हमें
दरवाजा बजनेका आभास तो नही
हुवा?
...
तब
फिरसे एकबार दरवाजेपर नॉक
सुनाई दी -
इसबार
थोडी जोरसे.
सर्विस
बॉय तो नही होगा ...
''
कौन
है ?''
जॉनने
पुछा.
''
पुलिस
...''
बाहरसे
आवाज आया.
दोनो
गालिचेसे उठकर कपडे पहनने
लगे.
पुलिस
यहांतक कैसे पहूंच गई ?...
जॉन
और नॅन्सी सोचने लगे.
उन्होने
अपने कपडे पहननेके बाद जॉन
सहमें हूए स्थितीमें दरवाजेतक
गया.
उसने
फिरसे एक बार नॅन्सीकी तरफ
देखा.
अब
इस परिस्थितीका सामना कैसे
किया जाए इसकी वे मनही मन तैयारी
करने लगे थे.
जॉन
कीहोलसे बाहर झांककर देखने
लगा.
लेकिन
बाहर अंधेरेके सिवा कुछ नजर
नही आ रहा था.
या
उस कीहोलमें कुछ प्रॉब्लेम
होगा ...
सावधानीसे,
धीरेसे
उसने दरवाजा खोला और दरवाजा
थोडा तिरछा करते हूए बाहर
झांकनेका प्रयास कर रहा था
तभी ...
क्रिस्तोफर,
रोनॉल्ड,
पॉल,
और
स्टीव्हन दरवाजा जोरसे धकेलते
हूए कमरेमें घुस गए.
क्या
हो रहा है यह समझनेके पहलेही
क्रिस्तोफरने दरवाजेको अंदरसे
कुंडी लगा ली थी.
किसी
चित्तेकी फुर्तीसे रोनॉल्डने
चाकू निकालकर नॅन्सीके गर्दनपर
रख दिया और दुसरे हाथसे वह
चिल्लाये नही इसलिये उसका
मुंह दबाया.
क्रिस्तोफरनेभी
मानो पुर्वनियोजनकी तहत उसका
चाकू निकालकर जॉनके गर्दनपर
रखा और उसका मुंह दबाकर उसे
दबोच लिया.
मानो
अब पुरी स्थिती उनके कब्जेमें
आई हो इस तरहसे वे एकदुसरेकी
तरफ देखकर अजीब तरहसे मुस्कुराए.
''
स्टीव्ह
इसका मुंह बांध''
क्रिस्तोफरने
स्टीव्हनको आदेश दिया.
जैसेही
नॅन्सीने चिल्लानेकी कोशीश
की रोनॉल्डने उसका मुंह जोरसे
दबाते हुए और मजबुतीसे उसे
दबोच लिया.
''
पॉल
इसकाभी बांध...''
स्टीव्हनने
जॉनका मुंह,
हाथ
और पैर टेपसे बांध दिया.
पॉलने
नॅन्सीका मुंह और हाथ बांध
दीए.
उन्होने
जिस फुर्तीसे यह सब हरकतें
की उससे ऐसा प्रतित हो रहा था
की वे ऐसे कामोंमे बडे तरबेज
हो.
अब
क्रिस्तोफरके चेहरेपर एक
वहशी मुस्कुराहट छुपाए नही
छुप रही थी.
''
ए
...
इसके
आंखोपर कुछ बांधरे ...
बेचारेसे
देखा नही जाएगा.
'' क्रिस्तोफरने
कहा.
स्टीव्हनने
उनकेही सामानसे एक कपडा निकालकर
जॉनकी आंखोपर बांध दिया.
अब
जॉनको सिर्फ अंधेरेके सिवा
कुछ दिखाई नही दे रहा था.
और
सुनाई दे रहा था वह उन गिद्दोंकी
वहशी और राक्षसी हंसी और
नॅन्सीका दबा-दबाया
हूवा चित्कार.
जॉनको
एकदम सबकुछ शांत और स्थब्ध
होनेका अहसास हूवा.
''
ए
उसके आंखोपर बंधा कपडा छोड
रे...
'' क्रिस्तोफरका
चिढा हूवा स्वर गुंजा.
जॉनको
उसके आंखोपरसे कोई कपडा निकाल
रहा है इसका अहसास हूवा.
उसका
आक्रोश आंसुओंके द्वारे बाहर
निकलकर वह कपडा पुरी तरह गिला
हूवा था.
जैसेही
उन्होने उसके आखोसे वह कपडा
निकाला,
उसने
सामनेका दृष्य देखा.
उसके
जबडे कसने लगे,
आंखे
लाल लाल हो गई,
सारा
शरीर गुस्सेसे कांपने लगा
था.
वह
खुदको छुडाने के लिए छटपटाने
लगा.
उसके
सामने उसकी नॅन्सी निर्वस्त्र
पडी हूई थी.
उसकी
गर्दन एक तरफ लटक रही थी.
उसकी
आंखे खुली थी और सफेद हो गई
थी.
उसका
शरीर निश्चल हो चूका था.
उसके
प्राण कबके जा चूके थे.
अचानक
उसे अहसास हूवा की उसके सरपर
किसी भारी वस्तूका प्रहार
हूवा और वह धीरे धीरे होश खोने
लगा.
जब
जॉन होशमें आया,
उसे
अहसास हूवा की अब वह बंधा हूवा
नही था.
उसके
हाथ पैर बंधनसे मुक्त थे.
लेकिन
जहां कुछ देर पहले नॅन्सीकी
बॉडी पडी हूई थी वहां अब कुछभी
नही था.
वह
तुरंत उठकर खडा होगया,
उसने
चारो ओर अपनी नजर घुमाई.
वह
मुझे गिरा हूवा कोई भयानक
सपनातो नही था...
हे
भगवान वह सपनाही हो...
वह
मनही मन प्रार्थना करने लगा.
लेकिन
वह सपना कैसे होगा...
''
नॅन्सी
''
उसने
एक आवाज दिया.
उसे
मालूम था की उसे कोई प्रतिसाद
आनेवाला नही है.
लेकिन
एक झूटी आस...
उसके
सरमें पिछेकी तरफसे बहुत दर्द
हो रहा था.
इसलिए
उसने सरको पिछे हाथ लगाकर
देखा.
उसका
हाथ लाल लाल खुनसे सन गया.
उन
लोगोंने प्रहार कर उसे बेसुध
किया था उसका वह जख्म और निशानी
थी.
अब
उसे पक्का विश्वास हुवा था
की वह कोई सपना नही था.
वह
तेजीसे रुमके बाहर दौड पडा.
बाहर
इधर उधर ढूंढते हूए वह गलियारेसे
दौड रहा था.
वह
लिफ्टके पास गया और लिफ्टका
बटन दबाया.
लिफ्टमें
घुसनेसे पहले फिरसे उसने एक
बार चारोंतरफ अपनी ढूंढती
नजर दौडाई.
कहा
गए वे लोग?...
और
नॅन्सीकी बॉडी किधर है?
...
की
उन्होने लगा दिया उसे ठिकाने...
वह
हॉटलके बाहर आकर अंधेरेमें
पागलोंकी तरह इधर उधर दौड रहा
था.
सब
तरफ अंधेरा था.
आधी
रात होकर गई थी.
रास्तेपरभी
आने जानेवाले बहुतही कम दिखाई
दे रहे थे.
एक
कोनेपर खडा एक टॅक्सीवाला
उसे दिखाई दीया.
उसे
शायद पता हो...
वह
उस टॅक्सीके पास गया,
टॅक्सीवालेसे
पुछा.
उसने
दाईतरफ इशारा कर कुछ तो कहा.
जॉन
टॅक्सीमें बैठ गया और उसने
टॅक्सीवालेको टॅक्सी उधर
लेनेको कहा.
निराश,
हताश
हूवा जॉन धीमे गतीसे चलता हूवा
अपने रुमके पास वापस आगया.
रुममें
जाकर उसने अंदरसे दरवाजा बंद
कर लिया.
उसने
बेडकी तरफ देखा.
बेडशीटपर
झुर्रिया पडी हूई थी.
वह
बेडपर बैठ गया.
क्या
किया जाये ?...
पुलिसके
पास जावो तो वे मुझेही गिरफ्तार
करेंगे...
और
खुनका इल्जाम मुझपरही लगाएंगे...
और
वैसे देखा जाए तो मैही तो हू
उसके खुनके लिए जिम्मेदार...
सिर्फ
खुनही नही तो उसपर हूए बलात्कारके
लिए भी ...
उसने
अपने पैर मोडकर घूटने पेटके
पास लिए और घूटनोमें अपना मुंह
छिपाया.
और
वह फुटफुटकर रोने लगा.
रोते
हूए उसका ध्यान वही कपाटके
निचे गिरें कागजके टूकडेने
खिंच लिया.
वह
खडा होगया.
अपने
आंसू अपने आस्तीनसे पोंछ लिए.
कागजका
टूकडा?
... यहां
कैसे ?...
उसने
वह कागजका टूकडा उठाया.
कागजपर
चार अंग्रजी अक्षर लिखे हूए
थे -
सी,
आर,
जे,
एस.
और
उन अक्षरोंके सामने कुछ नंबर्स
लिखे हूए थे.
शायद
वे कोई पत्तोके गेमके पॉईंट्स
होंगे...
उसने
वह कागज उलट पुलटकर देखा.
कागजके
पिछे एक नंबर था.
शायद
मोबाईल नंबर होगा.
वह
दृढतापुर्वक खडा हो गया -
''
ऍसहोल्स
...
मै
तुम्हे छोडूंगा नही ''
वह
गरज उठा.
....
डिटेक्टीव्ह
सॅम डिटेक्टीव बेकरके सामने
बैठकर सब सुन रहा था.
वह
कबकी कहानी पुरी कर चूका था.
लेकिन
वह दर्दभरी कहानी सुनकर कमरेमें
सारे लोग इतने द्रवित और अभिभूत
हो गए थे की बहुत देर तक कोई
कुछ नही बोला.
कमरेमें
एक अनैसर्गीक सन्नाटा छाया
था.
एक
प्रेम कहानीका ऐसा भयानक
दर्दनाक अंत होगा?
....
किसीने
नही सोचा था.
नॅन्सी
और जॉनकी प्रेमकहानी कॅबिनमें
उपस्थीत सभी लोगोंके दिलको
छु गई थी.
थोडी
देर बाद डिटेक्टीव सॅमने अपनी
भावनाओंको काबुमें करते हूए
पुछा,
''
क्या
जॉनने पुलिस स्टेशनमें रिपोर्ट
दर्ज की थी ?"'
''
नही
''
''
फिर
...
यह
सब तुम्हे कैसे पता ?''
''
क्योंकी
नॅन्सीका भाई ...
जॉर्ज
कोलीन्सने रिपोर्ट दर्ज की
थी.
''
''
लेकिन
उसनेभी रिपोर्ट कैसे दर्ज की
?
... मेरा
मतलब है उसे वह सबकुछ पता कैसे
चला?
... क्या
जॉन उसे मिला था ?
'' सॅमने
एकके बाद एक सवालोकी छडी लगा
दी.
''नही
...
जॉन
उसे उस घटनाके बाद कभी नही
मिला..
.'' बेकरने
कहा.
''
फिर
उसे खुनी कौन है यह कैसे पता
चला ?''
सॅमको
अब उसे सता रहे सारे सवालोंके
जवाब मिलनेकी जल्दी हो रही
थी.
''
कुछ
महिने पहले जॉनने नॅन्सीके
भाईको इस घटनाके बारेमें खत
लिखकर सब जानकारी लिखी थी...
उसमें
उसने उन चार लोगोंके नाम पते
भी लिखे थे.
...''
''
फिर
रिपोर्टका नतिजा क्या निकला
?''
सॅमने
अगला सवाल पुछा.
''...
इस
केसपर हमनेही तहकिकात की थी...
लेकिन
ना नॅन्सीकी डेड बॉडी मिली
थी ...
ना
जॉन मिला जो की इस घटना का अकेला
और बहुत अहम चश्मदीद गवाह
था...
इसलिए
केस बिना कुछ नतिजेके वैसीही
लटकी रही ...
और
अभीभी वैसीही लटकी पडी है...
''
''
अच्छा
...
जॉनका
कुछ अता पता ?''
सॅमने
पुछा.
''
उसके
बारेमें किसीकोभी कुछ पता
नही चला...
उस
घटनाके बाद वह कभी उसके अपने
घरभी नही आया ...
वह
जिंदा है या मरा ...
इसकाभी
कुछ पता नही चला...
सिर्फ
उसके जॉनको आए खतसे ऐसा लगता
है की वह जिंदा होना चाहिए...
लेकिन
अगर वह जिंदा है तो छिप क्यो
रहा है?
... यही
एक बात समझमें नही आती.....''
''
उसका
कारण सिधा है ...
'' इतनी
देरसे ध्यान देकर सुन रहे
सॅमके साथीने कहा.
''
हां
....उसका
एकही कारण हो सकता है की ...
हालहीमें
जो दो कत्ल हूए उसमें जॉनकाही
हाथ हो सकता है..
और
इसलिएही मैने तुम्हे यहां
बुलाकर यह सब जानकारी तुम्हे
देना मुनासीब समझा ...''
बेकरने
कहा.
''
बराबर
है तुम्हारा...
इस
खुनमें जॉनका हाथ हो सकता है
ऐसा मान लेनेकी काफी गुंजाईश
है...
लेकिन
मुझे एक बात समझमें नही आती
है की ...
जब
वह कमरा या मकान अंदरसे और सब
तरफसे बंद होता है तब वह खुनी
अंदर पहूंचता कैसे है ?
... वह
सारे कत्ल कैसे कर रहा है यह
एक ना सुलझनेवाली पहेली बन
चूकी है ''
''
अच्छा
जब नॅन्सीके भाईको इस घटनाके
बारेमें पता चला तो उसकी
प्रतिक्रीया क्या थी ?
... और
अब केसके नतिजेमें देरी हो
रही है इसके बारेंमे उसकी
प्रतिक्रिया कैसी है ?''
''
वह
आदमी पागलोंजैसा हो चूका है
...
इस
पुलिस स्टेशनमें उसकी हमेशा
चक्कर रहती है...
और
केसका आगे क्या हूवा यह वह
हमेशा पुछता रहता है ...
वह
यह सब फोन करकेभी पुछ सकता है
...
लेकिन
नही वह खुद यहां आकर पुछता है
...
मुझे
तो उसपर बहुत तरस आता है ...
लेकिन
अपने हाथमें जितना है उतनाही
हम कर सकते है...
'' बेकरने
कहा.
''
इसका
मतलब हालहीमें जो दो खुन हूए
उसका कातिल नॅन्सीका भाई
जॉर्जभी हो सकता है ..
'' सॅम
ने कहा.
''
आपने
उसे देखना चाहिए...
उसकी
तरफ देखकर तो ऐसा नही लगता...
'' बेकरने
कहा.
''
लेकिन
यह एक संभावना है जिसे हम झुटला
नही सकते ...''
सॅमने
प्रतिवाद किया.
डिटेक्टीव
बेकरने थोडी देर सोचा और फिर
हांमे अपना सर हिलाया.
क्रमश:...
 
 
 
Comments
Post a Comment