अद्भुत भाग-17



अद्भुत भाग-17

ऍंथोनी कॉम्प्यूटरपर बैठा था और एक काली बिल्ली जिसके गलेमें काला बेल्ट पहना था वह उसके इर्दगिर्द खेल रही थी. जिस टेबलपर कॉम्प्यूटर रखा था उस टेबलपर वायरके टूकडे, बिल्लीके गलेमे पहननेके बेल्टस, और कुछ इलेक्ट्रनिक्सके छोटे छोटे उपकरण इधर उधर फैले हूए थे. ऍंथोनीका जिस दिवारकी तरफ मुंह था उस दिवारपर न्यूरॉलॉजी और ब्रेनकी तरह तरहकी तस्वीरे लटकाई हूई थी.


ऍंथोनीने बिजलीकी चपलतासे कीबोर्डके और माऊसके कुछ बटन्स दबाए तो उसके कॉम्प्यूटर स्क्रिनपर एक सॉफ्टवेअर ओपन हो गया. उस सॉफ्टवेअरकेभी अलग अलग मेनु, अलग अलग बटन्स और टेक्स्ट बॉक्सेस स्क्रिनपर दिखने लगे. उस सॉफ्टवेअरके अलग अलग बटन्समेसे एक बटनपर ऍंथोनीने माऊससे क्लीक किया. उस बटनपर 'अटॅक' ऐसा लिखा हूवा था. अचानक उसके इर्दगिर्द एक टेडीबिअरके साथ खेल रहे उस बिल्लीने उग्र स्वरुप इख्तीयार लिया और वह उस टेडी बिअरपर टूट पडी. इतनी क्रुरतासे वह बिल्ली उस टेडी बिअरपर टूट पडी की कुछ क्षणमेंही उसने उस टेडी बिअरके अपने दातसे फाडकर और तोडकर छोटे छोटे टूकडे कर दिए. बिल्ली जब उस टेडी बिअरपर हमला कर रही थी तब ऍंथोनी बडे अभीमानसे उस बिल्लीकी तरफ देख रहा था. आखिर जब उस बिल्लीने उस टेडी बिअरको पुरी तरहसे फाड दिया और तोड दिया, एक विजयी मुस्कुराहट ऍंथोनीके चेहरेपर फैल गई.


इतनेमें अचानक ऍंथोनीको सामने दरवाजेके पास किसी चिजकी आहट हो गई. ऍंथोनी सबकुछ वही वैसाही छोडकर सामने दरवाजेके पास गया. दरवाजा खोला तो उसने दरवाजेमें सामने न्यूजपेपर पडा पाया. उसने उसे उठाया, न्यूज पेपरके पन्ने पलटते हूए वह घरमें वापस आया और पन्ने पलटते हूएही दरवाजा बंद कर लिया. अचानक न्यूज पेपरके एक खबरने उसका ध्यान आकर्षीत किया. वह खबर वह गंभीरतासे पढते हूए अपने कॉम्प्यूटरके पास आया. वह कुर्सीपर बैठ गया और वह खबर ध्यान लगाकर पढने लगा.


वह जो खबर पढ रहा था उसका हेडींग था ' नॅन्सीके भाईने 'उन' चारोंपर केस कर दी '.


और उस खबरके निचेही क्रिस्तोफर, रोनॉल्ड, पॉल और स्टिव्हनके फोटो थे. उसने वह पेपर सामने टेबलपर कॉम्प्यूटरके पास रख दिया और वह सोचमें डूब गया. नॅन्सीको उन चारोंने बलात्कार कर मारनेके बाद जब वह उनके पास पैसे मांगनेके लिए गया तबका संवाद उसे याद आने लगा ....




'' कही तुम लोगोंने उस लडकीका खुन तो नही किया ?'' ऍंथोनी किसी तरहसे हिम्मत जुटाकर बोला.


'' तुम नही ... हम ... हम सब लोगोंने '' क्रिस्तोफरने उसके वाक्यको सुधारा.


'' एक मिनट ... एक मिनट... तुम लोगोने अगर उस लडकीको मारा होगा... तो यहां कहा मेरा संबंध आता है '' ऍंथोनीने अपना बचाव करते हूए कहा.


'' देखो .. अगर पुलिसने हमें पकड लिया... तो वह हमें पुछेंगे... की लडकीका अता पता तुम्हे किसने दिया...?..'' रोनॉल्डने कहा.


''... तो हमने भलेही ना बतानेकी ठान ली फिरभी हमें बतानाही पडेगा... '' पॉलने अधूरा वाक्य पुरा किया.


'' ... की हमें हमारे जिगरी दोस्त ऍंथोनीने मदत की '' पॉल शराबके नशेमें बडबडाया.


'' देखो .. तुम लोग बिना वजह मुझे इसमें लपेट रहे हो.. '' ऍंथोनी अब अपना बचाव करने लगा था.


"' लेकिन दोस्तो ... एक बडी अजिब चिज होनेवाली है '' क्रिस्तोफरने मंद मंद मुस्कुराते हूए कहा.


'' कौनसी ?'' रोनॉल्डने पुछा.


'' की पुलिसने हमें अगर पकडा और बादमें हमें फांसी होगई ..'' क्रिस्तोफरने बिचमें रुककर अपने दोस्तोंकी तरफ देखा. वे एकदम सिरीयस हो गए थे.


'' अबे ... सालो... मेरा मतलब है अगर हमें फांसी होगई ...'' क्रिस्तोफरने स्टिव्हनकी पिठ हलकेसे थपथपाते हूए कहा.


पॉल शराबका ग्लास सरपर रखकर अजीब तरहसे नाचते हूए बोला, '' हां ... हां अगर हमें फांसी होगई तो...''


ऍंन्थोनीको छोडकर सारे लोग उसके साथ हंसने लगे.


फिरसे कमरेका वातावरण पहले जैसा होगया.


''हां तो अगर हमें फांसी होगई ... तो हमें उसके बारेंमे कुछ खांस बुरा नही लगेगा... क्योंकी आखिर हमने मिठाई खाई है ... लेकिन इस बेचारे ऍंथोनीको मिठाई हलकीसी चखनेकोभी नही मिली ... उसे मुफ्तमेंही फांसीपर लटकना होगा. '' क्रिस्तोफरने कहा.


कमरेंमे सब लोग, सिर्फ एक ऍंन्थोनीको छोड, जोर जोरसे हंसने लगे.




..... ऍंथोनी अपने दिमागमें चल रहे सोचके चक्रसे बाहर आगया.


अब अगर यह केस ऐसीही चलती रही तो कभीना कभी क्रिस्तोफर, रोनॉल्ड, पॉल और स्टिव्हन अपनेको इसमें घसीटने वाले है...


फिर हमभी इस केसमें फंस जायेंगे...


नही ऐसा कतई नही होना चाहिए... .


मुझे कुछ तो रास्ता निकालनाही पडेगा ...


सोचते हूए ऍंथोनी अपने इर्दगिर्द खेल रहे उस बिल्लीकी तरफ देख रहा था. अचानक एक विचार उसके दिमागमें कौंध गया और उसके चेहरेपर एक गुढ मुस्कुराहट दिखने लगी.


अगर मैने इन चारोंको रास्ते से हटाया तो कैसा रहेगा?...


ना रहेगा बास न बजेगी बांसुरी...
ऍंथोनीने इस मसलेको पुरी तरह आर या पार करनेका मनही मन ठान लिया था. आखिर उसे अपनी चमडी बचाना जरुरी था. क्या करना है यह उसने मनही मन तय किया था. लेकिन पहले एकबार नॅन्सीके भाईको मिलना उसे जरुरी लग रहा था. वैसे नॅन्सीके क्लासमेटके हैसीयतसे वह उसे थोडाबहुत जानता था. जॉर्जको पुरे मसलेकी कहांतक जानकारी है और यह जानकारी उसे कहांसे मिली यह उसे मालूम करना था. और सबसे महत्वपुर्ण जॉर्जको कही उसपर शक तो नही यह उसे जानना था.


ऍंथोनी जॉर्जके दरवाजेके सामने आकर खडा होगया. वह अब बेल दबानेही वाला था इतनेमें बडे जोरसे और बडे अजीब ढंगसे कोई चिखा. एक पलके लिए तो वह चौंकही गया.... की क्या हूवा. उसका बेल दबानेवाला हाथ डरके मारे पिछे खिंच गया.


मामला कुछ सिरीयस लगता है ...


इसलिए वह दरवाजेकी बेल न दबाते हूए जॉर्जके मकानके खिडकीके पास गया और उसने अंदर झांककर देखा...




... अंदर जॉर्जके हाथमें एक गुड्डा पकडा हूवा था. उस गुड्डेकी तरफ गुस्सेसे और घृणासे देखते हूए फिरसे वह अजिब तरहसे चिखा. ऍंथोनीको उस चिखके बाद वातावरण मे फैला सन्नाटा गुढ और भयानक लग रहा था.




ऍंथोनी अबभी खिडकीसे यह क्या माजरा है यह जाननेकी कोशीश कर रहा था. अंदर चलरहे विधीसे वह उसे कोई जादूटोना होगा ऐसा लग रहा था. लेकिन उसका जादूटोनेपर विश्वास नही था. वह अंदर चल रहा विधी ध्यान देकर देखने लगा...




... अंदर अब जॉर्ज उस गुड्डेसे बोलने लगा, '' स्टिव्हन... अब तू मरनेके लिए तैयार हो जा ''


अचानक जॉर्जने आवाज बदला और मानो वह उस गुड्डेका संवाद, जिसे वह स्टिव्हन समझ रहा था, बोलने लगा, '' नही ... मुझे मरना नही है ... जॉर्ज मै तुम्हारे पैर पडता हू... तुम्हारी माफी मांगता हू ... तु जो बोलेगा वह करनेके लिए मै तैयार हूं ... सिर्फ मुझ पर तरस खा और मुझे माफ करदे ...''


जॉर्ज फिरसे पुर्ववत अपने आवाजमें अपनी वाक्य बोलने लगा, '' तुम मेरे लिए कुछभी कर सकते हो? ... तू मेरे बहनको, नॅन्सीको वापस ला सकता है ?''


'' नही ... वह मै कैसे कर सकता हूं ... वह मेरे पहूंच के परे है ... वह छोडकर तुम कुछभी मांगो... मै तुम्हे वचन देता हूं की वह मै तुम्हारे लिए करुंगा... '' फिरसे जॉर्ज आवाज बदलकर उस गुड्डेके यानीकी स्टिव्हनके संवाद बोलने लगा.


'' तू मेरे लिए कुछभी कर सकता है?.... तो फिर तैयार हो जा... मुझे तुम्हारी जान चाहिए... '' जॉर्ज फिरसे आवाज बदलकर उसका खुदका संवाद बोलने लगा.




खिडकीसे यह सब ऍंथोनी काफी देरसे देख रह था. वह देखते हूए अचानक उसके दिमागमें एक योजना आ गई. उसके चेहरेपर अब एक वहशी मुस्कान दिखने लगी. वह खिडकीसे हट गया और दरवाजेके पास गया. उसने कुछ सोचा और वह वैसाही जॉर्जके दरवाजेकी बेल ना बजाते हूएही वहासे वापस चला गया.
डिटेक्टिव्ह सॅम वेअरहाऊसमें अबभी जमिनपर पडा हूवा था. लेकिन अब वह उस ट्रान्स स्टेटसे बाहर आ गया था. उसने झटसे कॉम्प्यूटरके मॉनिटरकी तरफ देखा. अब कॉम्प्यूटर बंद था. उसने वेअरहाउसमें इधर उधर देखा. अब बाहर सवेरा हो गया था और अंदर वेअरहाऊसमें अच्छी खासी रोशनी आ रही थी. कुछ देर पहले जोर जोरसे बह रहे हवाके झोकेभी थम गए थे. वह अब उठकर खडा हो गया और सोचने लगा. इतनेमें उसका खयाल कुछ देर पहले निचे गिरे हूए फोटो फ्रेमकी तरफ गया. उसने वह फ्रेम उठाई और सिधी कर देखी. वह एक ग्रुप फोटो था. ऍंथोनी और उन चार नॅन्सीके कातिलोंका.


उसे अब एक एक बात एकदम स्पष्ट हो चूकी थी. वह जब निचे पडा हूवा था और उसे जो एक एक दृष्य दिखाई दिया था, शायद नॅन्सीके अदृष्य और अतृप्त रुहको वह उसे बताना था. लेकिन उसे वह बतानेकी जरुरत क्यो पडी थी? वह उसे ना बताए हूएभी नॅन्सी जो चाहिए वह अबतक हासिल करते आई थी और आगेभी हासिल कर सकती थी.


फिर उसने यह उसे क्यो बताया था ?...


जरुर कोई वजह होगी ?...


इसमें उसका जरुर कोई उद्देश होगा ...




ऍंथोनीके केसकी काफी दिनोंसे कोर्टमें कार्यवाही चल रही थी. हर बार सॅम कोर्टमें कामकाजके दौरान हाजिर रहता था और वहा बैठकर सब कार्यवाही सुनता था. इधर केसका कामकाज चलता था और उसके दिमागमें वह एकही सवाल घुमते रहता था की नॅन्सीने वह सब बतानेके लिए उसेही क्यो चुना होगा? और नॅन्सीका वह सब उसे बतानेका क्या मकसद रहा होगा ?


की वह सब कुछ उसने कोर्टमें बयान करना चाहिए ऐसा तो नॅन्सीको अपेक्षीत नही होगा ?...


लेकिन अगर वह सब उसने कोर्टमें बताया तो उसपर कौन विश्वास करनेवाला था ?...


उलटा एक जिम्मेदार डिटेक्टीव्हके मुंहसे ऐसी अंधश्रध्दायुक्त बातें सुनकर लोगोंने उसे न जाने क्या क्या कहा होता...


सिर्फ कहा सुनायाही नही तो उसका आगेका पुरा करीयर सवालोंके और शकके घेरेमें आया होता...


वह सोच रहा था. लेकिन आज उसे विचारोंके जंजालमें नही फसना था. आज उसे कोर्टकी कार्यवाही पुरी तरह ध्यान देकर सुननी थी. क्योंकी आज केसचा नतिजा निकलने वाला था.


आखिर इतनी दिनोंसे घसिटते हूए चल रहे केसके सब जाब जबाब हो चुके थे. सॅमकीभी जबानी हो चूकी थी. उसने जो साबीत किया जा सकता था वह सब बताया था.


आखिर वह वक्त आया था. वह पल आ चूका था जिसकी सारे लोग बडी बेचैनीसे राह देख रहे थे - केसके परिणामकी. सॅम अपने कुर्सीपर बैठकर जज क्या फैसला सुनाता है यह सुननेके लिए जजकी तरफ देखने लगा. वैसे उसके चेहरेपर किसीभी भावका अस्तित्व नही था. कोर्टरुममें उपस्थित बाकी सब लोग सांस रोककर जजका आखरी फैसला सुननेके लिए बेताब थे.


जज फैसला सुनाने लगा -


'' सारे सबुत, सारे जाबजवाब, और खुद मि. ऍंथोनी क्लार्कने दिया स्टेटमेंटकी ओर ध्यान देते हूए कोर्ट इस नतिजेपर पहूंचा है की मि. स्टिव्हन स्मिथ, मि. पॉल रोबर्टस, मि. रोनाल्ड पार्कर और मि. क्रिस्तोफर अंडरसन इन चारोभी कत्लमें मि. ऍंथोनी क्लार्क मुजरीम पाया गया है. उसने वह चारो खुन जानबुझकर और पुरी योजना और सतर्कताके साथ किए है. ''


फैसला सुनानेसे पहले जजने एक बडा पॉज लिया. कोर्टमें उपस्थित लोगोंपर अपनी नजर दौडाई और आगे अपना फैसला सुनाया -


'' ...इसलिए कोर्ट मुजरीम ऍंथोनी क्लार्कको देहांतकी सजा सुनाता है ''


जजने आखरी फैसला सुनाया था. इस फैसलेका जिन चार लोगोंके कत्ल हूए थे उनके रिश्तेदारोंने तालियां बजाकर स्वागत किया तो काफी लोगोंको यह फैसला पसंद नही आया. नॅन्सीका भाई जॉर्ज तो नाराजगी जाहिर करते हूए कोर्टरुमसे उठकर चला गया. लेकिन डिटेक्टीव सॅमके चेहरेपर कोई भाव नही उभरे थे. ना खुशीके ना गमके. लेकिन फैसला सुननेके बाद सॅमको काफी दिनोंसे सतारहे सवालका जवाब मिल गया था.
क्रमश:...



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