अद्भुत भाग-11
 डिटेक्टीव्ह
सॅमने अपने बज रहे मोबाईलका
डिस्प्ले देखा.
फोन
उसकेही पार्टनरका था.
एक
बटन दबाकर उसने वह अटेंड किया,
'' यस''
'' सर
हमें नॅन्सीका दोस्त जॉन
कार्टरका पता चल चूका है ''
उधरसे
उसके पार्टनरका आवाज आया.
'' गुड
व्हेरी गुड''
सॅम
उत्साहभरे स्वरमें बोला.
सॅमके
पार्टनरने उसे एक ऍड्रेस दिया
और तुरंत उधर आनेके लिए कहा.
.... जॉन
कार्टर बेडपर पडा हूवा था और
जोर जोरसे खांस रहा था.
उसकी
दाढी बढ चूकी थी और सरके बढे
हूए बालभी बिखरे हूए दिख रहे
थे.
न
जाने कितने दिनोंसे वह बेडपर
इसी हालमें पडा हूवा था.
उसका
घरसे बाहर आना जानाभी बंद हो
चूका था.
जब
उसके प्रिय नॅन्सीका बलात्कार
और कत्ल हो गया था तब वह इतना
निराश और हतबल हो चूका था की
उसे आगे क्या करे कुछ सुझ नही
रहा था.
उन
गुनाहगारोंको सजा हो ऐसा उसे
तहे दिलसे लग रहा था.
लेकिन
कैसे वह कुछ समझ नही पा रहा
था.
ऐसे
मायूस और हतबल अवस्थामें वह
शहरमें रातके अंधेरेमें
पागलोंकी तरह सिर्फ घुमता
रहता तो कभी शामको बिचपर जाकर
डूबते सुरजको लगातार निहारता
रहता.
शायद
उसे अपनी खुदकी अवस्थीभी कुछ
उस डूबते सुरजकी तरह लगती हो.
दिन
रात पागलोंकी तरह इधर उधर
भटकना और फिर थकनेके बाद बारमें
जाकर मदीरामें डूब जाना.
ऐसे
उसकी दिनचर्या रहती थी.
लेकिन
ऐसा कितने दिनतक चलनेवाला
था.
आगे
आगे तो उसका घुमना फिरनाभी
कम होकर पीना बढ गया.
इतना
बढ गया की अब उसकी तबीयत खराब
होकर वह न जाने कितने दिनसे
बेडपर पडा हूवा था.
बिस्तर
पर पडे अवस्थामेंभी उसका पीना
जारी था.
थोडीभी
नशा उतर जाती तो उसे वह भयानक
बलात्कार और कत्लका दृष्य
याद आता था.
और
वह फिरसे पीने लगता था.
अचानक
उसे फिरसे खांसीका दौरा पड
गया.
वह
उठनेका प्रयास करने लगा.
लेकिन
वह इतना क्षीण और कमजोर हूवा
था की वह उठभी नही पा रहा था.
कैसेतो
दिवारका सहारा लेकर वह बेडसे
उठ खडा हूवा.
लेकिन
अपना संतुलन खोकर निचे जमिनपर
गिर गया.
उसका
खांसना लगातार शुरु था.
खांसते
खांसते उसे एक बडा दौरा पड गया
और उसके मुंहसे खुन आने लगा.
उसने
मुंहको हाथ लगाकर देखा.
खुन
दिखतेही वह घबरा गया.
उठकर
डॉक्टरके पास जाना चाहिए...
लेकिन
वह उठभी नही पा रहा था.
चिल्लाकर
लोगोंको जमा करना चाहिए...
लेकिन
उसमें उतनी चिल्लानेकीभी
शक्ती बाकी नही थी.
क्या
किया जाए ?...
आखिर
उसने एक निर्णय मनही मन पक्का
किया और वह उसके हाथको लगे
खुनसे फर्शपर कुछ लिखने लगा...
एक
आदमी फोनपर बोल रहा था,
'' हॅलो
पुलिस स्टेशन?''
उधरसे
जवाब आनेके लिए वह बिचमें रुक
गया.
'' साहब
...
हमारे
पडोसमें कोई एक आदमी रहता
है...
मतलब
रहता था...
उसे
हमने लगभग सात-आठ
दिनसे देखा नही...
उसका
दरवाजाभी अंदरसे बंद है ...
हमने
उसका दरवाजा नॉक करके भी देखा...
लेकिन
अंदरसे कोई प्रतिक्रिया नही
है...
उसके
घरसे लगातार किसी चिजके सडनेकी
दुर्गंध आ रही है ...
मुझे
लगता है आप लोगोंमेसे कोई यहा
आकर देखे तो अच्छा होगा..
'' 
फिरसे
वह उधरके जवाबके लिए रुका और
''
थॅंक
यू ...
'' कहकर
उसने फोन निचे रख दिया.
पुलिसकी
एक टीम डिटेक्टीव्ह टेम्पलटनके
नेतृत्वमें उस आदमीने फोनपर
दिए पते पर तत्परतासे पहूंच
गई.
वह
आदमी उनकी राहही देख रहा था.
वे
वहा पहूंचतेही वह आदमी उनको
एक फ्लॅटके बंद दरवाजेके सामने
ले गया.
वहा
पहूंचतेही एक किसी सडे हूए
चिजकी दुर्गंध उनके नाकमें
घूस गई.
उन्होने
तुरंत रुमाल निकालकर अपने
अपने नाक को ढंक लिया.
उन्होने
उस दुर्गंधके उगमका शोध लेनेकी
कोशीश की तो वह दुर्गंध उस
घरसेही आ रही थी.
उन्होने
दरवाजा धकेलकर देखा.
दरवाजा
शायद अंदरसे बंद था.
उन्होने
दरवाजेको नॉक कर देखा.
अंदरसे
कोई प्रतिक्रिया नही थी.
जिस
आदमीने फोनपर पुलिसको इत्तला
किया था वह बार बार वही हकिकत
उन्हे सुना रहा था.
आखिर
पुलिसने दरवाजा तोड दिया.
दरवाजा
तोडनेके बाद तो वह सडी हूई
दुर्गंध औरही तिव्रतासे आने
लगी.
मुंहपर
और नाकपर कसकर रुमाल लगाकर
वे धीरे धीरे अंदर जाने लगे.
पुलिसकी
टीम जब बेडरुममें पहूंच गई
तब उन्हे सडनेकी प्रक्रिया
शुरु हुवा जॉन कार्टरका मृतदेह
जमिनपर पडा हूवा मिला.
नाकको
रुमालसे कसकर ढंकते हूए वे
उस डेड बॉडीके पास गए.
वहा
जमिनपर मरनेके पहले उसने खुनसे
कुछ लिखा हूवा दिखाई दे रहा
था.
उनमेंसे
एक पुलिसने वह नजदीक जाकर पढा,
'' नॅन्सी
मुझे माफ कर देना...
मै
तुम्हे बचा नही पाया...
लेकिन
चिंता मत करो...
उन
बदमाशोंका ...
एक
एक करके बदला लिए बिना मुझे
शांती नही मिलेगी...
'' 
सॅम
और उसका पार्टनर जिस पुलीस
अधिकारीने जॉन कार्टरके मौतकी
केस हॅंडल की थी उस अधिकारी,
डिटेक्टीव
टेम्पलटन के सामने बैठे थे.
डिटेक्टीव
टेम्पलटन जॉन कार्टरके बारेमें
जानकारी देने लगा,
'' मदिराके
अतिसेवनकी वजहसे उसे ब्रॉंकायटीस
होकर वह मर गया...
''
'' लेकिन
आपको उसकी पहचान कैसे मिली ?
'' सॅमने
पुछा.
'' जिस
कमरेंमे उसका मृतदेह मिला उस
कमरेमें कुछ उसके कागजादभी
मिले...
उससे
हमें उसकी पहचान हो गई...
और
उसका एक फोटो डिटेक्टीव्ह
बेकरने जैसे सारे पुलिस थानोंपर
भेजा था वैसा हमारे पास भी
भेजा था....''
टेम्पलटनने
अपने ड्रावरसे जॉनका फोटो
निकालकर सॅमके सामने रखा.
'' इस
फोटोकी वजहसे और डिटेक्टीव
बेकरने भेजे जानकारीके वजहसे
हमें उसका ऍड्रेस और घर वैगेरा
मिलनेमें मदद हो गई.
'' टेम्पलटनने
कहा.
'' आपने
उसके घरके लोगोंसे संपर्क
किया था क्या ?''
सॅमने
पुछा.
'' हां
...
उनके
घरके लोगोंकोभी यहां बुलाया
था.
... उन्होनेभी
बॉडी अपने कब्जेमें लेनेसे
पहले जॉनकी पहचान कर ली थी और
पोस्टमार्टममेभी उसकी पहचान
जॉन कार्टर ऐसीही तय की गई है
''
टेम्पलटनने
कहा.
'' वह
कब मरा होगा...
मतलब
शव मिलनेसे कितने दिन पहले''
सॅमने
पुछा.
''
पोस्टमार्टमके
अनुसार मार्च महिनेके शुरवातके
दो तिन दिनमें उसकी मौत हूई
होगी.
'' वह
अधिकारी बोला.
'' अर्ली
मार्च...
मतलब
पहला खून होनेके बहुत पहले...
'' सॅमने
सोचकर कहा.
'' इसका
मतलब हम जैसे समझ रहे थे वैसे
वह कातिल नही है...
'' सॅमने
आगे कहा.
'' हां
वैसा लग तो रहा है...
'' टेम्पलटनने
कहा.
काफी
समय शांतीसे गुजर गया.
मतलब
मुझे जो शक था वह सच होने जा
रहा है...
सॅमको
नॅन्सीका दोस्त जॉन कार्टरका
अता पता मिलनेकी खबर उसके
पार्टनरसे फोनपर मिलतेही वह
बहुत खुश हो गया था..
...
उसे
लगा था चलो एक बारकी बला तो
टली...
जो
केस सॉल्व हो गई...
और
कातिल थोडीही देरमें उनके
कब्जेमें आनेवाला है....
लेकिन
यहां आकर देखता हूं तो केसने
और एक अलगही मोड लिया था...
जॉन
कार्टरके मरनेका समय देखा
जाए तो उसका इन खुनोंसे संबंध
होनेकी कोई गुंजाईश नही थी...
'' जॉन
कार्टर अगर कातिल नही है ...
तो
फिर कातिल कौन होगा?''
सॅमने
जैसे खुदसेही सवाल किया.
कमरेके
तिनो लोग सिर्फ एक दुसरेकी
तरफ देखने लगे.
क्योंकी
उस सवालका जवाब उन तिनोंके
पास नही था.
इतनेमें
टेम्पलटनने उसके ड्रावरसे
और एक तस्वीर निकालकर सॅमके
सामने रख दी.
सॅमने
वह तस्वीर उठाई और वह उस तस्वीरकी
तरफ एकटक देखने लगा.
उस
तस्वीरमें जॉन कार्टर जमीनपर
पडा हूवा दिख रहा था और उसके
सामने फर्शपर खुनसे बडे
अक्षरोंमे लिखा हूवा था,
'' नॅन्सी
मुझे माफ करना ...
मै
तुम्हे बचा नही सका...
लेकिन
चिंता मत करो मै एक एक को चुनकर
मारकर बदला लूंगा ...
'' 
सॅमको
एक अंदाजा हो गया था की यह
तस्वीर दिखाकर डिटेक्टीव्ह
टेम्पलटन उसे क्या कहना चाहता
हो.
'' मै
सुन सुनकर थक गया हूं की इस
कत्लमें किसी आदमीका हाथ न
होकर किसी रुहानी ताकदका हाथ
हो सकता है ...
यह
तस्वीर दिखाकर कही तुम्हेभीतो
यही कहना नही है ?''
सॅमने
टेम्पलटनको पुछा.
डिटेक्टीव
टेम्पलटनने सॅम और उसके
पार्टनरके चेहरेकी तरफ देखा.
'' नही
मुझे ऐसा कुछ कहना नही है ...
सिर्फ
घट रही घटनाएं और जॉनने फर्शपर
लिखा हूवा मेसेज दोनो कैसे
एकदम मिलते जुलते है ...
इसी
ओर मुझे तुम्हारा ध्यान खिंचना
है...''
डिटेक्टीव
टेम्पलटनने शब्दोंको तोलमोलकर
इस्तेमाल करते हूए कहा.
बंदीगृहमें
चारो ओर अंधेरा फैला हूवा था.
जॉर्ज
एक कोठडीमे गुमसुमसा किसी
सोचमें डूबा हूवा एक कोनेमें
बैठा हूवा था.
अचानक
वह उठ खडा हूवा और अपने पहने
हूए कपडे पागलोंकी तरह फाडने
लगा.
कपडे
फाडनेके बाद उसने कोठरीमे
इधर उधर पडे फटे कपडेके टूकडे
जमा किये.
उस
टूकडोका वह फिरसे एक गुड्डा
बनाने लगा.
गुड्डा
तैयार होनेके बाद उसके चेहरेपर
एक रहस्यसे भरी,
डरावनी
हंसी फैल गई.
'' मि.
ख्रिस्तोफर
ऍन्डरसन...
अब
तुम्हारी बारी है...
समझे''
वह
पागलोकी तर उस गुड्डेसे बोलने
लगा.
वहां
ड्यूटीपर तैनात पुलिस काफी
समयसे जॉर्जकी हरकतोपर बराबर
नजर रखे हूए था.
जैसेही
उसने जॉर्ज बातचीत सुनी वह
तेजीसे उठकर फोनके पास गया -
अपने
वरिष्ठ अधिकारीको इत्तला
करनेके लिए.
ख्रिस्तोफर
अपने घरमें,
हॉलमें
पिते हूए बैठा था.
साथही
वह चेहरेपर काफी सारी चिंताए
लेकर एक के बाद एक लगातार
सिगारेट पिये जा रहा था.
थोडी
देरसे वह उठ खडा हूवा और सोचते
हूए कमरेमें धीरे धीरे चहलकदमी
करने लगा.
उसकी
चालसे वह काफी थका हूवा मालूम
पड रहा था.
या
फिर मदीराके चढे हूवे नशेसे
वह वैसा लग रहा होगा.
थोडी
देर चहलकदमी करनेके बाद वह
फिरसे कुर्सीपर बैठ गया और
अपनीही सोचमें डूब गया.
अचानक
उसे घरमें किसी उपस्थीतीका
अहसास हूवा.
कोई
किचनमे बर्तनोंसे छेडखानी
कर रहा हो ऐसा लग रहा था.
किचनमें
इस वक्त कौन होगा ?...
सब
दरवाजे खिडकियां तो बंद है...
.
की
यहभी कोई आभास है ?...
अचानक
एक बडा बर्तन फर्शपर गिरनेका
आवाज होगया.
क्रिस्तोफर
एकदम उठकर खडा हो गया.
क्या
हूवा होगा.?
उसका
दिल जोर जोरसे धडकने लगा.
मै
फालतूही घबरा रहा हू...
कोई
बिल्ली वैगेरा होगी.
...
उसने
खुदको समझानेकी कोशीश की और
धीरे धीरे चलते हूए,
कोई
आहट आती है क्या यह सुनते हूए,
वह
किचनमें जाने लगा.
किचनसे
अब आवाजें आना बंद हूवा था.
कुछ
आहटभी नही थी.
वह
किचनके दरवाजेकेपास गया.
और
धीरेसे किचनका दरवाजा तिरछा
करते हूए उसने अंदर झांककर
देखा.
किचनमेंतो
कोई नही दिख रहा है ...
वह
किचनमें घुस गया.
अंदर
जानेके बाद उसने इधर उधर नजर
दौडाकर देखा,
पुरे
किचनका एक राऊंड लगाया.
कहा?
.. कुछ
तो नही...
या
मुझे सिर्फ आभास हो रहे है...
लेकिन
जमिनपर एक खाली बर्तन पडा हूवा
था.
वह
संभ्रमकी स्थितीमें किचनसे
वापस जानेके लिए मुडाही था
की उसे अब हॉलसे कुछ टूटनेका
आवाज आ गया.
ख्रिस्तोफर
चौंक गया और दौडते हूए हॉलमें
चला गया.
हॉलमें
उसे उसका व्हिस्कीका ग्लास
निचे जमिनपर गिरकर टूटा हूवा
मिला.
व्हिस्की
निचे गिरकर इधर उधर फैली हूई
थी.
उसने
आसपास नजर दौडाई.
कोई
नही था.
ख्रिस्तोफरकी
नशा पुरी तरह उतर चूकी थी.
साला
कोई तो नही...
यह
क्या हो रहा है मुझे ?
... 
ग्लास
निचे कैसे गिर गया?...
वह
सोचते हूए फिरसे कुर्सीपर
बैठ गया.
उब
उसने पुरी की पुरी बॉटलही
मुंहको लगाई थी.
क्रमश:...
 
 
 
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