अद्भुत भाग-15
अद्भुत
भाग-15 
हथकडीयां
पहना हूवा और पुलिससे घेरा
हूवा ऍंथोनी वेअर हाऊससे बाहर
निकला. उसके
साथ सब हथीयारसे लेस पुलिस
थी क्योंकी वह कोई सादासुदा
कातिल ना होकर चार चार कत्ल
किया हूवा सिरियल किलर था.
पुलिसने
ऍन्थोनीको उनके एक गाडीमें
बिठाया. डिटेक्टीव्ह
सॅम वेअरहाऊसके दरवाजेके पास
पिछेही रुक गया. सॅमने
अबतक न जाने कितनी कत्लकी
केसेस हॅन्डल की थी लेकिन इस
केससे वह विचलित हूवा दिख रहा
था. कातिलको
पकडनेका सबसे महत्वपुर्ण काम
तो अब पुरा हो चूका था.
इसलिए
अब उनके साथ गाडीमें बैठकर
जाना उसे उतना जरुरी नही लगा.
वह
कुछ वक्त अकेलेमें गुजारना
चाहता था. और
उसे पिछे रुककर एकबार इस
वेअरहाऊसकी पुरी छानबिन करनी
थी. उसने
अपने साथीको इशारा किया,
'' तुम
लोग इसे लेकर आगे निकल जावो
... मै
थोडीही देरमें वहा पहूंचता
हूं '' सॅमने
कहा. 
जिस
गाडीमें ऍंन्थोनीको बिठाया
था वह गाडी शुरु हो गई.
उसके
पिछे पुलिसकी बाकी गाडीयांभी
शुरु हो गई, और
ऍंन्थोनी जिस गाडीमें बैठा
था उसके पिछे तेजीसे दौडने
लगी. एक
बडा धुलका बवंडर उठा.
वे
गाडीयां निकल गई फिरभी वह
धुलका बवंडर अबभी हवामें फैला
हूवा था. सॅम
गंभीर मुद्रामें उस धुलके
बादलको धीरे धीरे निचे बैठता
हूवा देख रहा था. 
जैसीही
सब गाडीयां वहांसे निकल गई
और और आसपासका वातावरण शांत
हूवा सॅमने वेअरहाऊसके इर्द
गिर्द एक चक्कर लगाया.
चलते
चलते उसने उपर आसमानकी तरफ
देखा. आसमानमें
लाली फैल गई थी और अब थोडीही
देरमें सुरज उगनेवाला था.
वह
एक चक्कर लगाकर दरवाजेके पास
आ गया और भारी चालसे वेअरहाऊसके
अंदर चला गया. 
अंदर
वेअरहाऊसमें अबभी अंधेरा था.
उसने
कॉम्प्यूटरके चमक रहे मॉनिटरके
रोशनीमें वेअरहाऊसकी अंदर
एक चक्कर लगाया और फिर उस
कॉम्प्यूटरके पास जाकर खडा
हो गया. सॅमने
देखाकी कॉम्प्यूटरपर एक
सॉफ्टवेअर अबभी ओपन किया हूवा
था. उसने
सॉफ्टवेअरके अलग अलग ऑपशन्सपर
माऊस क्लिक करके देखा.
एक
बटनपर क्लिक करतेही कॉम्प्यूटरके
बगलमें रखे एक उपकरणका लाईट
ब्लींक होने लगा. उसने
वह उपकरण हाथमें लेकर उसे
गौरसे देखा. वह
एक सिग्नल रिसिव्हर था,
जिसपर
एक डिस्प्ले था. उस
डिस्प्लेपर एक मेसेच चमकने
लगा. लिखा
था ' इन
सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्शन
= लेफ्ट'.
उसने
वह उपकरण वापस अपनी जगह रख
दिया. उसने
और एक सॉफ्टवेअरका बटन दबाया,
जिसपर
'राईट'
ऐसा
लिखा हूवा था. 
फिरसे
सिग्नल रिसीव्हर ब्लींक हुवा
और उसपर मेसेज आया '
इन
सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्शन
= राईट'.
आगे
उसने ' अटॅक'
बटन
दबाया. फिरसे
सिग्नल रिसीव्हर ब्लींक हो
गया और उसपर मेसेज आया था '
इन
सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्शन
= अटॅक'.
सॅमने
वह उपकरण फिरसे हाथमें लिया
और अब वह उसे गौरसे देखने लगा.
इतनेमें
उसे वेअरहाऊसके बाहर किसी
चिजका आवाज आया. वह
उपकरण वैसाही हाथमें लेकर वह
बाहर चला गया. 
वेअरहाऊसके
बाहर आकर उसने आजुबाजु देखा.
यहां
तो कोई नही ... 
फिर
किस चिजका आवाज है ...
होगा
कुछ... जानेदो
... 
जब
वह फिरसे वेअरहाऊसमे वापस
आनेके लिए मुडा तब उसका ध्यान
अनायासही उसके हाथमें पकडे
ब्लींक हो रहे उपकरण की तरफ
गया. अचानक
उसके चेहरेपर आश्चर्यके भाव
उमटने लगे. उस
सिग्नल रिसीव्हरपर '
आऊट
ऑफ रेंज / इन्स्ट्रक्शन
= निल'
ऐसा
मेसेज आया था. वह
आश्चर्यसे उस उपकरणकी तरफ
देखने लगा. उसका
मुंह खुलाकी खुलाही रह गया.
उसके
दिमागमें अलग अलग सवालोंने
भीड की थी. 
अचानक
आसपास किसीकी उपस्थीतीसे वह
लगभग चौक गया. देखता
है तो वह एक काली बिल्ली थी और
वह उसके सामनेसे दौडते हूए
वेअरहाऊसमें घुस गई थी.
एक
बार उसने अपने हाथमें पकडे
उपकरण की तरफ देखा और फिर उस
वेअर हाऊसके खुले दरवाजेकी
तरफ देखा, जिससे
अभी अभी एक काली बिल्ली अंदर
गई थी. 
धीर
धीरे सावधानीसे उस बिल्लीका
पिछा करते हूए वह अब अंदर वेअर
हाऊसमें जाने लगा. 
जाते
जाते उसके दिमागमें एक विचार
लगातार घुमने लगा की अगर
वेअरहाऊसके बाहरतकभी सिग्नल
जा नही सकता है तो फिर जो चार
लोगोंके कत्ल हूए उनके घरतक
सिग्नल कैसे पहूंचा ?'
संभ्रमकी
स्थितीमें डिटेक्टिव सॅमने
धीरे धीरे वेअरहाऊसमें प्रवेश
किया. अंदर
जानेके बाद वह इधर उधर देखते
हूए उस बिल्लीको ढूंढने लगा.
पहलेही
अंधेरा और उपरसे वह बिल्ली
काले रंग की. ढूंढना
मुश्कील था. उसने
वेअरहाऊसमें सब तरफ अपनी
ढूंढती हूई नजर दौडाई.
अब
सुबह होनेको आई थी.
इसलिए
वेअरहाऊसमें थोडा थोडा उजाला
हो गया था. एक
जगह उसे धूलसे सनी हूई एक फाईल्स
की गठरी दिखाई दी. वह
उस फाइल्सके गठरीके पास गया.
वह
गठरी थोडी उंचाई पर रखी हूई
थी. सॅमकी
उत्सुकता बढ गई थी. 
क्या
होगा उस फाईल्समें..
जरुर
केसके बारेमें और कुछ महत्वपुर्ण
मुझे उस फाईल्समें मिल सकता
है ... 
वह
अपने पैरके पंजे उंचे कर उस
फाईल्सके गठरीतक पहूंचनेका
प्रयास करने लगा. फिरभी
वह वहांतक पहूंच नही पा रहा
था. इसलिए
वह उछलकर उस गठरीतक पहूंचनेका
प्रयास करने लगा. उस
गठरीतक पहूंचनेके प्रयासमें
उसका धक्का लगकर उपरसे कुछतो
निचे गिर गया. कांच
फुटने जैसी आवाज हूई.
उसने
निचे झुककर देखा तो कांचके
टूकडे सब तरफ फैले हूए थे.
और
निचे एक फोटोकी फ्रेम उलटी
पडी हूई थी. उसने
वह उठाई और सिधी करके देखी.
वह
एक ग्रुप फोटो था लेकिन वहां
रोशनी काफी नही होनेसे ठिकसे
दिखाई नही दे रहा था.
वह
फोटो लेकर वह कॉम्प्यूटरके
पास गया. काम्प्यूटरका
मानिटर अबभी शुरु था और चमक
रहा था. इसलिए
उस रोशनीमें वह फोटो ठिकसे
देखना मुमकिन था.
मॉनिटरके
रोशनीमें उसने वह ग्रुप फोटो
देखा और वह आश्चर्यसे हक्का
बक्कासा रह गया. वह
खुले मुंहसे आश्चर्यसे उस
फोटोकी तरफ देख रहा था.
वह
उस हादसेसे संभलता नही की उसके
सामने कॉम्प्यूटरका मॉनिटर
बंद शुरु होने लगा. 
कुछ
इलेक्ट्रीक प्रॉब्लेम होगा
...
इसलिए
वह कॉम्प्यूटरका पॉवर स्वीच
और प्लग चेक करने लगा.
उसने
पॉवर प्लगककी तरफ देखा और
चौंकते हूए डरे हूए स्थितीमे
वह पिछे हट गया. उसे
आश्चर्यका दुसरा धक्का लगा
था. 
कॉम्प्यूटरका
पॉवर केबल पॉवर बोर्डको लगा
नही था और वही बगलमें निकालकर
रखा हूवा था. . 
फिरभी
कॉम्प्यूटर शुरु कैसा ?
... 
कुछ
तो ट्रीक होगी ...
या
यह पॉवर केबल दुसरा किसी चिजका
होगा....
उसने
वह पावर केबल उठाकर एक सिरेसे
दुसरे सिरेतक टटोलकर देखा.
वह
कॉम्प्यूटरकाही पॉवर केबल
था. 
अब
उसके हाथ पैर कांपने लगे.
वह
जो देख रहा था वैसा उसने उसके
पुरे जिंदगीमें कभी नही देखा
था. 
अचानक
कॉम्प्यूटरका मॉनिटर बंद
शुरु होनेका रुक गया.
उसने
मॉनिटरकी तरफ देखा.
उसके
चेहरेपर अबभी डर और आश्चर्य
झलक रहा था. 
अचानक
एक बडा भयानक हवाका झोंका
वेअरहाऊसमें बहने लगा.
इतना
बडा झोंका बह रहा था और इधर
सॅम पसिनेसे लथपथ हो गया था.
और
अब अचानक मॉनिटरपर तरह तरह
के विचित्र और भयानक साये
दिखने लगे. 
डिटेक्टीवको
कुछ समझ नही आ रहा था की क्या
हो रहा है. जोभी
कुछ हो रहा था वह उसके समझ और
पहूंच के बाहर था. आखिर
एक खुबसुरत जवान स्त्री का
साया मॉनिटरपर दिखने लगा.
वह
साया भलेही सुंदर और मोहक था
फिरभी सॅमके बदनमें एक डरकी
सिरहन दौड गई. वह
मोहक साया अब एक भयानक और डरावने
सायेमे परिवर्तीत हुवा.
फिरसे
एक हवा का बडा झोंका तेजीसे
अंदर आया. इसबार
उस झोंकेका जोर और बहाव बहुत
तेज था. इतना
की सॅम उस झोंकेकी मार सहन नही
कर पाया और निचे गिर गया.
वैसेभी
उसके हाथ पैर पहलेही कमजोर
पड चूके थे. उस
झोंकेके मारका प्रतिकार करनेकी
शक्ती उसमें बाकी नही थी.
निचे
पडे हूए स्थितीमें उसे अहसास
हूवा की धीरे धीरे वह होश खोने
लगा है. लेकिन
होश पुरी तरह खोनेसे पहले उसने
मॉनिटरवरपर दिख रहे उस स्त्रीकी
आंखोमें दो बडे बडे आंसू बहकर
निचे आते हूए देखे. 
वेअरहाऊमे
निचे मॉनिटरके सामने अचेतन
अवस्थामें पडे सॅमके सामनेसे
मानो एक एक प्रसंग फ्लॅशबॅककी
तरह जाने लगा ....
.... नॅन्सी
और जॉन रास्तेके किनारे पडे
एक ड्रेनेज पाईपमें छिपे हुए
थे. इतनेमे
अचानक उन्हे उनकीतरफ आता हूवा
किसीके दौडनेका आवाज सुनाई
दिया. वे
अब हिल डूल भी नही सकते थे.
उन्होने
अगर उन्हे ढूंढ लिया तो वे
बुरी तरह उनके कब्जेमें फंसने
वाले थे. उन्होने
बिल्लीकी तरह अपनी आंखे मुंद
ली और जितना हो सकता है उतना
उस छोटीसी जगहमें सिकुडनेका
प्रयास किया. उसके
अलावा वे कर भी क्या सकते थे.
? 
अचानक
उनको अहसास हूवा की उनका पिछा
करने वालोंमेसे एक दौडते हूए
उनके पाईपके एकदम पास आकर
पहूंचा है. वह
नजदिक आतेही जॉन और नॅन्सी
एकदम शांत होकर लगभग सांस रोके
हूए स्तब्ध होकर वैसेही बैठे
रहे. वह
अब पाईपके काफी पास पहूंच गया
था. 
वह
उन चारोंमेसेही एक,
स्टीव्हन
था. उसने
इर्दगिर्द अपनी नजरें दौडाई.
'' कहां
गायब होगए साले?'' वह
खुदपरही झल्ला उठा.
इतनेमें
स्टीव्हनका ध्यान पाईपकी तरफ
गया. 
जरुर
साले इस पाईपमें छूपे होंगे....
उसने
सोचा. वह
पाईपके और पास गया.
वह
अब झुककर पाईपमें देखनेही
वाला था की इतनेमें ...
'' स्टीव...
जल्दी
इधर आवो '' उधरसे
क्रिस्तोफरने उसे आवाज दिया.
स्टीव्हन
पाईपमें देखनेके लिए झुकते
हूए रुक गया, उसने
आवाज आया उस दिशामें देखा और
पलटकर वह दौडते हूए उस दिशामें
निकल गया. 
जा
रहे कदमोंका आवाज सुनतेही
नॅन्सी और जॉनने राहतकी सांस
ली. 
स्टीव्हन
जातेही जॉनने अपने जेबसे
मोबाईल निकाला. उसने
कोई उन्हे ट्रेस ना करे इसलिए
फोन स्वीच ऑफ करके रखा था.
उसने
वह स्वीच ऑन किया और एक नंबर
डायल किया. 
'' किसको
फोन कर रहे हो ?'' नॅन्सीने
दबे स्वरमें पुछा. 
'' अपना
क्लासमेट ऍंन्थोनी...
वह
इसी गावका है ''
उतनेमें
फोन लग गया, '' हॅलो''
'' अरे
क्या जॉन कहांसे बोल रहे हो...
सालो
तुम लोग कहां गायब हो गए हो
... इधर
सारे लोग कितने परेशान हो गए
है ...'' उधरसे
ऍंथोनीने कहा. 
जॉनने
उसे संक्षीप्तमें सब बताया
और कहा, '' अरे
हम यहां एक जगह फंसे हूए है
...''
'' फंसे
? कहां
.?'' ऍंन्थोनीने
पुछा. 
'' अरे
कुछ बदमाश हमारा पिछा कर रहे
है ... हम
लोग अब कहां है यह बताना जरा
मुश्कील है....'' जॉन
बोल रहा था. इतनेमें
नॅन्सीने उसका ध्यान अपनी
तरफ खिंचते हूए टॉवरकी तरफ
इशारा किया. 
'' ... हां
यहांसे एक टॉवर दिख रहा है
जिसपर घडी लगी हूई है ...
उसके
आसपासही कहीं हम छिपे हूए
है...'' जॉनने
उसे जानकारी दी. 
'' अच्छा...
अच्छा...
चिंता
मत करो, पहले
अपना दिमाग शांत करो और अपने
आपको संवारो... और
इतने बडे शहरमें वे बदमाश
तुम्हारा कुछ बिगाड सकते है
यह डर दिलसे पुरी तरह निकाल
दो... हां
निकाल दिया? "' उधरसे
ऍंन्थोनीने पुछा. 
'' हां
ठिक है...'' जॉनने
कहा. 
'' हं
गुड... अब
कोई टॅक्सी पकडो और उसे हिल्टन
हॉटेलको ले जानेके लिए कहो...
वह
वही कही नजदिक उसी एरियामें
है ...'' 
इतनेमें
उन्हे इतनी देरसे कोई वाहन
नही दिखा था, दैवयोगसे
एक टॅक्सी उनकी तरफ आती हूई
दिखाई दी. 
'' टॅक्सी
आयी है ... अच्छा
तुम्हे मै बादमें फोन करता
हूं ... '' जॉनने
जल्दीसे फोन कट कर दिया.
वे
दोनोभी जल्दी जल्दी पाईपके
बाहर आगए और जॉनने टॅक्सीको
रुकनेका इशारा किया.
जैसेही
टॅक्सी रुक गई वैसे दोनो
टॅक्सीमें घुस गए. 
'' हॉटेल
हिल्टन'' जॉनने
कहां और टॅक्सी फिरसे दौडने
लगी. 
टॅक्सी
निकल गई तो दोनोंके जान में
जान आ गई. उन्होने
राहतकी सांस ली. 
क्रमश:...
 
 
 
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