ई-लव्ह ( E-Love) -14



-लव्ह ( E-Love) -14




अतूल अब विवेकके एकदम सामने खडा होकर उसकी आखोंमें आखे डालकर देखते हूए बोला









'' तुम्हे पासवर्डही चाहिए ना ?'' 









'' हां ... और बहभी डाटा डिलीट होनेके पहले '' विवेक फिरसे चिढकर ताना मारते हूए बोला.









'' अरे हां ... वह डाटा डिलीट होनेके बाद पासवर्डकी क्या जरुरत ?'' अतूल अपने आपसेही जोरसे हंस दिया









और एकदम अपनी हंसी रोककर बोला, '' लेकिन पहले तुम्हारे पासका हथीयार मेरे हवाले कर दो ''









विवेकने उसकी तरफ चौंककर देखते हूए पुछा, '' हथीयार ?... मेरे पास कोई हथीयार नही .. तुमनेही तो निकलते वक्त मेरी तलाशी ली थी. '' 









'' मि. विवेक ... मुझे क्या इतना बेवकुफ समझते हो ?... '' अतूल मोबाईल लगाते हूए बोला. विवेक कुछ नही बोला









अतूलका मोबाईल लगा था और उधरसे इन्स्पेक्टर मोबाईलपर थे. '' अतूल पासवर्ड क्या है ?'' उन्होने फोन लगतेही पुछा.









'' इन्स्पेक्टर थोडा धीरज रखो ... पहले इधरका एक काम निपट लूं और फिर तुम्हे पासवर्ड बताता हूं '' अतूल फोनपर बोला और उसने चलता हुवा मोबाईलही गाडीके बोनेटपर रख दिया









'' मैने सुना है की आजकल तुम्हारी पी एच डी चल रही है '' अतूलने विवेकसे पुछा









फिरभी विवेक कुछ नही बोला









'' मुझे एक बात नही समझमें आती, इतनी अमीर लडकीको फांसनेके बाद तुम्हे पिएचडीकी क्या जरुरत है ?'' अतूलने आगे पुछा









विवेक कुछभी बोलनेके लिए तैयार नही था, सच कहे तो वह बोलनेके मन:स्थितीमें नही था









'' तुम्हारे पी एच डी का सब्जेक्ट क्या है ?'' अतूलने एकदम गंभिर होते हूए पुछा









विवेक उसके इस असम्बध्द सवालको कुछ जवाब देना नही चाहता था









'' तुम्हारे पी एच डी का सब्जेक्ट क्या है ?'' अतूलने अब कडे स्वरमें पुछा









विवेकने पहले उसकी आखोंमे देखा. वह इस सवालके बारेमें सिरीयस दिख रहा था









'' अनकन्व्हेन्शनल वेपन्स'' विवेकने कंधे उचकाकर जवाब दिया









'' अनकन्व्हेन्शनल वेपन्स ... हूं ... तुम्हारे जुते बताओ.. निचेसे '' अतूलने मांग की.









विवेकको उसके सवालका उद्देश अब पता चल चुका था. उसे अबभी उसके पास कोई हथीयार होनेकी आशंका थी. विवेकने अपना दाया जुता वैसेही पैरमें रखते हूए उलटा कर बताया. अतूलने गौरसे देखा. वहां कुछ होनेके निशान तो नही दिख रहे थे









'' अब बाया बताओ '' अतूलने फिरसे आदेश दिया









विवेकने थोडी हिचकिचाहट जताई तो वह चिल्लाया, '' कम ऑन क्वीक''. 









विवेकने बाया जुताभी उलटा कर बताया. अतूलने गौरसे देखा. वहांभी कुछ नही था. लेकिन अब अतूल सोचमें पड गया. उसे विवेकके पास कुछ हथीयार होनेका पुरा विश्वास था









'' रुको ... हात उपर करो ...'' अतूल उसके पास जाते हूए बोला









विवेकने दोनो हाथ उपर किए. और अतूल उसके जेबसे एक एक सामान निकालकर बोनेटपर रखने लगा. पहले पॅन्टके जेबसे और फिर शर्टके जेबसे सब सामान निकालकर अतूलने गाडीके बोनेटपर रख दिया









उस सामानमें कुछ लोहेके छोटे छोटे टूकडे थे. अतूल उन टूकडोंकी तरफ गौरसे देखते हूए बोला, '' यह क्या है ?''









'' कुछ नही .. मेरे रिसर्चका सामान '' विवेकने कहा









'' अच्छा!'' अतूल अविश्वासके साथ बोला. . 









अतूल अब वे सारे टूकडे एक एक करते हूए उलट पुलटकर निहारने लगा. उन सारे टूकडोंमे उसे एक टूकडा थोडा अलग लगा. वह उसने उठाया और वह उसे और गौरसे निहारकर देखने लगा. उस टूकडेके एक तरफ लाल बटन जैसा कुछ तो था. उसकी तरफ विवेकका ध्यान आकर्षीत करते हूए अतूल बोला









'' यह क्या है ऐसा ?''









विवेक कुछ नही बोला. अतूलने वह टूकडा उलट पुलटकर देखते हूए वह लाल बटन दबाया. और क्या आश्चर्य गाडीके बोनेटपर रखे सब टूकडोंमे अब हरकत दिखने लगी थी. और वे किसी चुंबककी तरह एक दुसरेसे चिपकने लगे. जब सारे टूकडे चुंबककी तरह एक दुसरेसे चिपक गए. उसमेंसे एक बंदूककी तरह वस्तू तैयार हो गई









'' अच्छा तो यह ऐसा है ?...'' अतूल आश्चर्यसे बोला, "' मेरा अंदेशा कभी गलत नही होता ... मुझे पता था की तुम्हारे पास कोईना कोई हथीयारतो होनाही चाहिए '' 









अतूलने वह बंदूक उठाकर उलट पुलटकर देखी









'' स्मार्ट व्हेरी स्मार्ट... विवेक यू आर जिनियस ... बट ओन्ली इंटॆलेक्चूअली ... नॉट प्रोफेशन्ली'' अतूल अजीब तरहके मुस्कुराहटके साथ बोला.

अतूल अबभी वह छोटे छोटे लोहेके टूकडोंसे बनी बंदूक हाथमें लेकर उलट पुलटकर देखते हूए विवेक के इर्द गिर्द चल रहा था. उसने विवेककी तरफ अर्थपुर्ण ढंगसे मुस्कुराते हूए एक कटाक्ष टाकला. उसका हंसना ' अब कैसे आया उट पहाड के निचे' इस तरह का था. विवेक चुपचाप अपने जगह खडा था. उसके इर्द गिर्द चलते चलते उसने अपने कलाईपर बंधे घडीमें देखा ,










'' अबभी एक मिनट बाकी है '' 









अतूल अब बोनेटके पास गया और उसने वहा रखा हुवा शुरु मोबाईल उठाकर अपने कानको लगाया. उधरसे अबभी, '' हॅलो... अतूल... हॅलो... पासवर्ड क्या है ... जल्दी बोलो ... टाईम खत्म होनेको आया है ...'' ऐसा सुनाई दे रहा था









'' इन्स्पेक्टर ... इतनीभी जल्दी क्या है ... बताता हूं ना पासवर्ड '' अतूलने कहा और उसने अपने हाथमें पकडी बंदूक विवेकपर तानी


















इधर अंजली, इन्स्पेक्टर, भाटीयाजी इन्स्पेक्टरके हाथमें पकडे मोबाईलपर चल रहा संभाषण कान लगाकर सुन रहे थे, और साथही सामने मॉनिटरकी तरफ देख रहे थे. कमसे कम मोबाईलपर आ रहे अतूलके बोलनेके आवाजसे तो लग रहा था की विवेक मुष्कीलमें फंसा हुवा है. और सामने मॉनीटरपर -' All the server data and computer Data has been deleted. To recover enter the password' और मॉनिटरपर उलटी गिनती चल रहा टाईम बॉम्ब जैसी घडी बता रही थी - 0 hrs... 2mins... 10secs. और उपरसे अतूल अबभी पासवर्ड बतानेके लिए तैयार नही था. हर एकको अलग अलग चिंता सता रही थी. अंजलीको विवेककी. भाटीयाजींको कंपनीकी और इन्स्पेक्टरको विवेक और कंपनीकी. आखिर मॉनिटरपर चल रही घडी बता रही थी - 0 hrs... 0mins... 50secs. 









'' टाईम खत्म होनेको आया है ... जल्दी पासवर्ड बताओ'' इन्स्पेक्टर लगभग चिल्लाए









'' बताता हूम इन्स्पेक्टर... धिरज रखो ''









hrs... 0mins... 40secs. 









'' अब क्या डाटा डिलीट होनेके बाद बताओगे ? '' इन्स्पेक्टर चिढकर बोला









भाटीयाजींने उनके पिठपर हाथ रखकर उन्हे शांत रहनेका इशारा किया. नही तो अतूल अगर चिढ गया तो वह पासवर्ड बतानेके लिए इन्कार कर सकता है









hrs... 0mins... 30secs. 









'' प्लीज ... जल्द से जल्द बता दो '' इन्स्पेक्टर मानो अब गिडगिडाने लगे थे









'' उसे पहले विवेकको छोड देनेके लिए बोलीए '' अंजली अपने आपको ना रोक पाकर चिल्लाई









'' और तुम्हे पहले विवेकको छोडना पडेगा '' इन्स्पेक्टर.









hrs... 0mins... 20secs. 









'' पहले उसे छोडना है या पासवर्ड बताना है ? '' अतूलभी मौकेका फायदा लेते हूए बोला









'' पहले विवेकको छोड दो '' अंजलीने कहा









उधरसे अतूलके ठहाकेकी आवाज आ गई









hrs... 0mins... 10secs. 




क्या अतुल ने पासवर्ड दिया ?

क्या भाटिया जी बर्बाद हो गए ?
क्या अंजली की कंपनी बिक गयी भाटिया जी का नुक्सान भरते भरते ?
क्या अतुल ने विवेक को मार दिया ?
अंजली का क्या हुआ ?
क्या अंजलि और विवेक की प्रेम कहानी अधूरी रह गयी ?
जानने के लिए अगले फ़ाइनल अपडेट का इंतज़ार कीजिये ...






continued








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