पुराने पेट्रोल और डीजल कार को इलेक्ट्रिक में बदलने का तरीका: जानिए कितनी होगी बचत और कितने समय में वसूला जाएगा खर्च
पुराने पेट्रोल और डीजल कार को इलेक्ट्रिक में बदलने का तरीका: जानिए कितनी होगी बचत और कितने समय में वसूला जाएगा खर्च
क्या आप सोचते हैं कि पुरानी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदला जा सकता है? तो इसका जवाब है हां! दरअसल, कई कंपनियां अब सर्टिफाइड किट के माध्यम से पुराने ICE (Internal Combustion Engine) वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने की सुविधा प्रदान कर रही हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि यह प्रोसेस किस प्रकार काम करता है, कितना खर्च आएगा, और पेट्रोल-डीजल की तुलना में इलेक्ट्रिक कार से कितनी बचत होगी।
पुरानी पेट्रोल या डीजल कार को EV (Electric Vehicle) में बदलने की प्रक्रिया
दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने की मंजूरी दी थी। इसके बाद यह सवाल उठने लगे कि पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक कार में कैसे बदला जा सकता है। हालांकि, अब तक दिल्ली में ऐसा कोई विशिष्ट बाजार नहीं था, जहां से पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक कार में कन्वर्ट किया जा सके, लेकिन अब परिवहन विभाग ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई कंपनियों को लिस्ट किया है।
इन कंपनियों की लिस्ट में प्रमुख नामों में ईट्रायो (Etrio) और नॉर्थवेएमएस (NorthwayMS) शामिल हैं, जो किसी भी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक में बदलने का काम करती हैं। आप अपनी पुरानी कार जैसे कि वैगनआर, ऑल्टो, डिजायर, i10 आदि को इलेक्ट्रिक में बदल सकते हैं।
इलेक्ट्रिक किट और उनकी लागत
ICE वाहनों को इलेक्ट्रिक कार में बदलने के लिए मोटर, बैटरी, कंट्रोलर, और चार्जर का इस्तेमाल किया जाता है। इनकी लागत कार की पावर और रेंज के अनुसार बदलती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 12 किलोवाट की बैटरी और 20 किलोवाट की मोटर लगवाते हैं तो इसकी लागत लगभग 4 लाख रुपये हो सकती है। वहीं, 22 किलोवाट की बैटरी के साथ यह खर्च करीब 5 लाख रुपये हो सकता है।
रेंज और बैटरी
इलेक्ट्रिक कार की रेंज इस बात पर निर्भर करती है कि उसमें कितनी क्षमता की बैटरी लगाई गई है। उदाहरण के लिए, अगर 12 किलोवाट की बैटरी लगी हो तो यह फुल चार्ज होने पर लगभग 70 किमी की रेंज दे सकती है। वहीं, 22 किलोवाट बैटरी के साथ रेंज 150 किमी तक बढ़ सकती है।
इलेक्ट्रिक कार में बदलने की प्रक्रिया
पुरानी कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के दौरान इंजन, फ्यूल टैंक, और पावर सप्लाई के सिस्टम को बदल दिया जाता है। बैटरी, मोटर, और अन्य इलेक्ट्रिक पार्ट्स को कार में फिट किया जाता है। इस काम में करीब 7 दिन का समय लग सकता है।
कार की चार्जिंग और खर्च
मान लीजिए, आप रोज़ाना 50 किमी की दूरी तय करते हैं, तो एक इलेक्ट्रिक कार को फुल चार्ज होने में लगभग 6 घंटे और 7 यूनिट बिजली खर्च होती है। 1 यूनिट बिजली की कीमत मान लीजिए 8 रुपये है, तो एक बार चार्ज करने में 56 रुपये खर्च होंगे। इस हिसाब से, आप 3 दिन तक बिना किसी परेशानी के कार चला सकते हैं।
अगर हम एक महीने का हिसाब लगाएं, तो महीने में 20 बार चार्जिंग करनी होगी, जो कुल मिलाकर 1120 रुपये का खर्च आता है। यानी, 1 साल में यह खर्च 13440 रुपये होगा।
पेट्रोल और डीजल से तुलना
अब, यदि हम पेट्रोल या डीजल कार की बात करें, तो मान लीजिए कि 1 लीटर पेट्रोल का खर्च 101 रुपये है। और आपकी कार को 50 किमी चलाने के लिए 3.33 लीटर पेट्रोल की आवश्यकता होगी। यानी एक दिन में 336 रुपये का पेट्रोल खर्च होगा। महीने में यह खर्च करीब 10090 रुपये होगा, और साल में यह खर्च 121078 रुपये तक पहुँच सकता है।
बचत का आंकलन
इस तरह, इलेक्ट्रिक कार से पेट्रोल या डीजल कार की तुलना में आपको हर साल 1,07,638 रुपये की बचत हो सकती है। यानी 4.8 साल में इलेक्ट्रिक कार का खर्च वसूल हो जाएगा।
निष्कर्ष
अगर आप पुरानी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह एक स्मार्ट विकल्प साबित हो सकता है। न केवल आप पर्यावरण की मदद करेंगे, बल्कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते खर्च से भी बचेंगे। कुछ समय बाद, यह आपके लिए एक फायदे का सौदा बन जाएगा।
यह प्रक्रिया थोड़ी महंगी हो सकती है, लेकिन लंबे समय में इससे होने वाली बचत और पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से इसे एक समझदार निवेश बनाता है।
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आपका क्या विचार है? क्या आप अपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के बारे में सोच रहे हैं?
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