एक चोरी, एक फरेब-04

एक चोरी, एक फरेब-04

  अब नतीजा देखिएः
चोरी की वारदात में सबसे बड़ा फरेब सोनिया कालरा की गवाही थी. सही राम की गवाही ऐन दुरुस्त थी. उसे किसी के खिलाफ गवाही देने की जरूरत नहीं थी. न ही किसी को फंसाने का कोई उद्देश्य उसके पास था. फिर सोनिया कालरा इस बात से क्यों मुकरी कि वो रात में अजय कालरा के दफ्तर में थीं. वो अजय कालरा के दफ्तर में थीं. उन्हें लगा कि सही राम उन्हें देख सकता है, इसलिए उन्होंने जोर से कहा कि अजय अंधेरे में तुम क्या कर रहे हो. असल में सोनिया कालरा उस समय किसी अपने को बचा रही थीं. वो अपना और कौन हो सकता है. अजय कालरा का बेटा शिशिर

 

 असल में जिस समय सोनिया कालरा नीचे पहुंची, तो उस समय शिशिर करेंसी चेस्ट से चोरी कर रहा था. ठीक उसी समय उन्हें गार्ड सहीराम के खिड़की पर होने का अहसास हुआ. उन्हें त्वरित बुद्धि से काम लेते हुए अपने पति अजय का नाम लिया. उन्हें अंदाजा था कि अजय कालरा का नाम सुनकर सहीराम मुतमईन हो जाएगा. साथ ही अगर कल चोरी की वारदात खुल जाती है, तो सहीराम की गवाही से शक अजय कालरा की तरफ जाएगा और अजय कालरा चूंकि उस समय घटनास्थल पर नहीं थे तो अपने आप को आसानी से बेदाग साबित कर लेंगे. सोनिया कालरा की ये तरकीब काम कर गई. पुलिस अजय कालरा के पीछे लगी रही, जिन्होंने एक झटके में खुद को निर्दोष साबित कर दिया. बेटा पांच करोड़ की रकम लेकर निकल गया. और पांच करोड़ की इंडियन करेंसी को विदेशी करेंसी में बदलवाना किसी भी हवाला कारोबारी के लिए चुटकी का खेल है. शिशिर ने इस रकम की सूरत नेपाल में जाकर चेंज की, जहां भारतीय करेंसी बिना इंडियन एजेंसी की निगरानी के आराम से चलती है. पुलिस की फाइलों में ये मामला आज भी अनसुलझा पड़ा है.
एक ऐसा मामला जिसमें एक चोरी शामिल थी और पुलिस को मूर्ख बनाने लायक एक फरेब भी....

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